News UpdateUttarakhandसिटी अपडेट

श्रद्धापूर्वक मनाया गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश पर्व

-गुरवाणी वरती जग अंतरि इसु बाणी ते हरि नामु पाइदा

देहरादून। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के तत्वावधान में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रथम प्रकाश पर्व पूर्ण श्रद्धा पूर्वक कथा कीर्तन के रूप में मनाया गया। पहला प्रकाश दरबार श्री हरमिंदर साहिब अमृतसर में 1604 में हुआ था।
प्रातः नितनेम के पश्चात भाई सतवंत सिंह ने आसा दी वार का शब्द वाणी गुरु ,गुरु है वाणी, विच वाणी सारे एवं इहो वाणी जो जीयो जाने,  तिस अन्तर रवे हरिनामा का गायन कर संगतो को निहाल किया। श्री अखंड पाठ साहिब के भोग के पश्चात हैड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह ने कहा कि गुरु अर्जन देव जी ने भक्तों, भट्ट साहिबान गुरु सिख साहिबान एवं गुरु साहिबान की वाणी को एक पोथी में अंकित करवाया एवं उसका नाम आदि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी दिया। गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी सभी जीवो (मनुष्य) के मन में से जात-पात, ऊंच-नीच ,छुआ-छूत के भेद को खत्म करती है। सभी जीवो में एक निरंकार की जोत निवास करती है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब सभी धर्मों का सांझा ग्रंथ है। कम गिनती में उपस्थित संगत द्वारा सरकारी गाईड लाइन का पालन किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंद्र सिंह छाबड़ा, मनजीत सिंह, सतनाम सिंह, मंच संचालक सेवा सिंह मठारू, चरणजीत सिंह, गुलजार सिंह, विजय पाल सिंह, राजेंद्र सिंह राजा आदि उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button