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बाघों का लगातार बढ़ रहा कुनबा

देहरादून। तराई की जंगलों में बाघों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। ऐसे में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। बात हल्द्वानी के तराई पूर्वी वन विभाग की करें तो मानव वन्यजीव संघर्ष की दृष्टि से अति संवेदनशील है। तराई पूर्वी वन प्रभाग के जंगल में करीब 53 बाघों की मौजूदगी दर्ज की गई है। ऐसे में वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि कोई भी व्यक्ति अनावश्यक जंगल में प्रवेश न करें।
बाघों की बढ़ती जनसंख्या वाइल्डलाइफ की दृष्टि से बेहतर माना जा रहा है तो वहीं वन विभाग के लिए भी चुनौती भी है। बात मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना की करें तो पिछले डेढ़ सालों में तराई पूर्वी के जंगलों के बाघों ने नौ लोगों को अपना निवाला बनाया है। आंकड़ों की बात करें तो साल 2022-23 में बाघों ने 7 लोगों को अपना निवाला बनाया, जबकि तीन लोग घायल हुए। साल 2023-24 में अभी तक दो लोगों को बाघों ने अपना निवाला बनाया है, जबकि चार लोग घायल हुए हैं। 2 दिन पहले खटीमा रेंज जंगल में लकड़ी लेने गई महिला को बाघ ने अपना निवाला बना लिया। ऐसे में वन विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। वन विभाग का कहना है कि जंगलों में लगातार बाघों के साथ-साथ अन्य वन्य जीवों की संख्या बढ़ रही है।
ऐसे में अनावश्यक रूप से कोई भी व्यक्ति जंगल में प्रवेश न करें। जंगल के आसपास रहने वाले लोगों को जन जागरूकता के माध्यम से बताया जा रहा है कि जंगल में अनावश्यक प्रवेश न करें। आवश्यकता पड़ने पर समूह के साथ जंगल में प्रवेश करें। इसके अलावा वन विभाग की टीम को लगातार गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं। बाघों के संवेदनशील क्षेत्र में कैमरा ट्रिप लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि बाघों की मोमेंट की जानकारी मिल सके। इसके अलावा अपील की गई है कि जंगल क्षेत्र के आसपास में सुबह 7 बजे से शाम 5 के बाद कोई भी व्यक्ति आवागमन ना करें। प्रभागीय वनाधिकारी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति आवश्यक रूप से जंगल में प्रवेश करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।लोगों को हिदायत दी गई है कि जंगल में वन्य जीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जलौनी लकड़ी काटने या किसी अन्य काम के लिए जंगल में प्रवेश न करें।

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