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मुस्कराहट का असर रहता है देर तक

मुस्कुराता हुआ चेहरा न सिर्फ आंखों को सुकून देता है, बल्कि यह खुद के लिए भी अच्छा होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ विसकॉनसिंन मैडिसन के शोध में कहा गया है कि किसी की मुस्कान में छिपे संदेश के प्रति हमारा शरीर अलग-अलग प्रतिक्रिया देता है। अमेरिकी मनोविज्ञानियों का कहना है कि हर मुस्कान सुकून नहीं देती है, कुछ लोगों की मुस्कराहट तुच्छ एहसास भी कराती है।
शोधकर्ताओं ने तीन प्रमुख मुस्कान को प्रभावकारी बताया है। इसमें एक मुस्कुराहट जहां सामने वाले शख्स से पहचान बताती है, तो दूसरी खुशी दर्शाती है और तीसरी तरह की मुस्कान तब हमारे होठों पर आती है जब हमें किसी की मौजूदगी से खुशी मिलती है। प्रमुख शोधकर्ता जेरेड मार्टिन ने कहा कि जब आपसे कोई बात कर रहा होता है, उस समय आपके चेहरे के भाव बहुत असर डालते हैं। कुछ वार्तालाप या चर्चाएं ऐसी होती हैं, जिनमें मुस्कराहट का असर देर तक और लंबा होता है।

यह शोध साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है। इस अध्ययन के लिए विशेषज्ञों ने कॉलेजज के पुरुष छात्रों को यूं ही कुछ बोलने का असाइनमेंट दिया। दूसरे छात्रों को वेबकैम के जरिये इनका प्रदर्शन जांचना था। इस दौरान इनकी हृदयगति और तनाव के लिए जिम्मेदार कार्टिसोल हॉर्मोन का स्तर मापा गया। साथ ही देखा गया कि बोलने के कार्य के दौरान लोग इनके लिए किस तरह से मुस्कराए और इसका असर इन छात्रों पर कैसा रहा।

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