यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हुए बंद
उत्तरकाशी/देहरादून। उत्तराखंड चारधामों में प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु शनिवार को भैयादूज यम द्वितीया पर अपराह्न 12 बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक बंद कर दिये गये हैं। कपाटबंद होने के अवसर पर बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, श्रद्धालुजन, स्थानीय लोग मौजूद रहे। कपाटबंद होने के बाद मां यमुना की जयकारों के साथ उत्सव डोली ने शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली हेतु प्रस्थान किया। उल्लेखनीय है धर्मग्रंथों के अनुसार श्री यमुना जी को यम देव अर्थात धर्मराज जी की बहिन कहा जाता है यमदेव मृत्यु के देवता है मां यमुना के दर्शन मात्र से जनमानस को मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है।
उत्तराखंड चार धामों में से तीन धामों श्री केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम की यात्रा समापन पर प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल( से.नि.) गुरुमीत सिंह तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन-तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज सहित रविनाथ रमन, आयुक्त गढ़वाल/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्डने शुभकामनाएं दी है।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने बताया कि इस यात्रा वर्ष श्री यमुनोत्री धाम तैंतीस हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे और 33166 तीर्थयात्री श्री गंगोत्री धाम पहुंचे कुल 66 हजार से अधिक तीर्थ यात्री श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम पहुंचे है। उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल एवं प्रतिकूल मौसम के बावजूद सभी विभागों के परस्पर समन्वयन से तीर्थयात्रा सुचारू रूप से संचालित हुई।
कपाट बंद होने के अवसर में पूर्व राज्यमंत्री जगवीर भंडारी, मंदिर समिति पदेन अध्यक्ष/उप जिलाधिकारी बड़कोट शालिनी नेगी, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज आर्य, डिप्टी सीएमओ डॉ आरसी आर्य, मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, उपाध्यक्ष राजश्वरूप उनियाल, प्यारे लाल उनियाल,जय प्रकाश उनियाल, अनिरुद्ध उनियाल, पुरुषोत्तम उनियाल आदि बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा में विराजमान हो गयी। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि तीनों धामों के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये है श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। शीतकालीन गद्दी स्थलों में मंदिर समितियों/देवस्थानम बोर्ड द्वारा पूजा-अर्चना की जायेगी।