चिकित्सकों ने अपने यहां मृत घोषित युवक का शव लेने से ही कर दिया इंकार
हरिद्वार। हरिद्वार के जिला चिकित्सालय में एक नया मामला देखने को मिला जहां चिकित्सकों ने अपने यहां मृत घोषित युवक का शव लेने से ही इंकार कर दिया। एंबुलेंस चालक का कहना है कि वह सुबह पांच बजे अमरोहा से मृतक के शरीर को लेकर जिला अस्पताल आ गया था लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने बॉडी को अपने सुपुर्द नहीं लिया।
शुक्रवार को एंबुलेंस द्वारा मृतक की मां बेटे के शव को लेकर अमरोहा गई थी लेकिन अमरोहा में पिता ने शव बेटे का होने से ही इंकार कर दिया और एंबुलेंस चालक को बैरंग वापस लौटा दिया। अब एंबुलेंस चालक शव को एंबुलेंस में रख अस्पताल प्रबंधन से शव अपने आजमाने की गुहार लगाता रहा लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह सात बजे बानो निवासी नौगांव, थावर का बाजार अमरोहा उत्तरप्रदेश 22 वर्षीय तस्कीन अहमद को अपना बेटा बताकर 108 द्वारा कलियर शरीफ से जिला चिकित्सालय लाई थी महिला ने युवक को अपना बेटा बताया था जहां चिकित्सकों के उपचार के बावजूद शुक्रवार शाम पांच बजे युवक की मौत हो गई। बेटे की मौत के बाद महिला ने एंबुलेंस चालक गुलाम नवी निवासी ज्वालापुर की एंबुलेंस से शव को लेकर अमरोहा चली गई। लेकिन महिला जब शव को लेकर घर पहुंची तो उसके पति ने शव बेटे का होने से ही इंकार कर दिया। इस दौरान एकत्र हुए लोगों ने महिला को भी गायब कर दिया और शव वापस ले जाने की बात पर अड़ गए। मौके पर चालक द्वारा स्थानीय पुलिस भी बुलाई गई लेकिन पुलिस ने भी गुलाम नवी पर दबाव बनाकर शव वापस लेकर जाने का फरमान सुना दिया। जिसके बाद फरमान शव लेकर सुबह वापस जिला चिकित्सालय पहुंच गया। लेकिन अस्पताल पहुंचने पर जब यूनीमल की जानकारी चिकित्सकों को दी तो उन्होंने भी साथ गई महिला के बिना शव लेने से साफ इनकार कर दिया। एंबुलेंस चालक सुबह से ही कभी कोतवाली हरिद्वार तो कभी चिकित्सकों के चक्कर काटता रहा है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।