तब्लीगी जमात की करतूतों के कारण कारण कोरोना का कहर खिंच सकता है लम्बा
नई दिल्ली। तब्लीगी जमात की करतूतों के कारण कारण का कहर लंबा खिंच सकता है। भारत में इसका पीक अब अप्रैल के अंतिम हफ्ते या मई के पहले हफ्ते में दिखने को मिल सकता है। सरकार की माने तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काफी हद तक सफलता मिल रही थी, लेकिन तबलीगी जमात ने सारी उपलब्धियों पर पानी फेर दिया।
तब्लीगी जमात के कारण मरीजों की संख्या में तेज बढ़ोतरी स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले दो दिनों में तबलीगी जमात से जुड़े कोरोना के 647 मरीज सामने आए हैं। तब्लीगी जमात के कारण मरीजों की संख्या में तेज बढ़ोतरी का हवाला देते हुए आइसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने आशंका जताई कि कोरोना से ग्रसित मरीजों की संख्या और तेज गति से बढ़ सकती है। इसके चरम पर पहुंचने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यह अप्रैल के अंत या फिर मई में देखने को मिल सकता है। यानी उसके बाद ही कोरोना के मरीजों की संख्या में कमी आनी शुरू होगी। उनके अनुसार अगला एक हफ्ता भारत के लिए अहम साबित होगा और उसके बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। उन्होंने कहा कि अगले एक हफ्ते में यह पता चलेगा कि तब्लीगी जमात के लोग अपने संपर्क में आने वाले कितने लोगों तक इस वायरस को पहुंचा चुके हैं। इसके आधार पर होगा कि यह चेन आगे कहां तक जाएगा।
लॉकडाउन के कारण वायरस के फैलने से रोकने में मिली काफी हद तक सफलता उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चेन को तोड़ने में वक्त लगता है और इसी आधार पर उसके अप्रैल के अंत तक चरण में पहुंचने का अनुमान है। भारत में गर्मी के बढ़ने और लोगों को बचने में ही टीबी के बीसीजी टीका लगे होने के कारण पड़ने वाले असर के बारे में उनका कहना था कि इस तरह की कई थ्योरी दी जा रही हैं, लेकिन उनकी वैज्ञानिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है।यह एक नया वायरस है और विभिन्न चीजों पर यह कैसे प्रतिक्रिया करता है, इसपर वैज्ञानिक शोध होना बाकी है। वहीं लव अग्रवाल ने कहा कि तब्लीगी जमात के मरीजों को छोड़ दें तो लॉकडाउन के कारण कोरोना के वायरस के फैलने से रोकने में काफी हद तक सफलता मिली है और इसके परिणामस्वरूप नए मरीजों की बढ़ोतरी 50 फीसदी से अधिक तक कम रही है। आइसीएमआर ने अपने गणितीय माडलिंग में भी यही अनुमान लगाया है।
तब्लीगी जमात का 14 राज्यों में फैला का प्रसार समस्या यह है कि तब्लीगी जमात के कोरोना से ग्रसित लोग सिर्फ कुछ स्थानों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि 14 राज्यों अंडमान निकोबार, दिल्ली, असम, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में तबलीगी जमात से संबंधित कोरोना के मरीज मिले हैं। आने वाले समय में तब्लीगी जमात के कोरोना ग्रसित लोगों के संपर्क में आने वालों और फिर उनके साथ संपर्क में आने वालों में भी बहुत सारे इससे ग्रसित मिल सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्यों के साथ मिलकर तब्लीगी जमात के संपर्क में आने वालों की पहचान करने के लिए सघन अभियान शुरू किया गया है और अभी तक उनसे संबंधित 9000 से अधिक लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है।