बेरोजगारों के दमन के विरोध में राज्य निर्माण आंदोलनकारी 3 दिन तक धामी सरकार के पुतले जलाएंगेः धीरेंद्र प्रताप
देहरादून। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के सबसे बड़े संगठन चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने ऐलान किया है कि आगामी 3 दिनों 15, 16, 17 फरवरी को राज्य निर्माण आंदोलन कारी पूरे उत्तराखंड में राज्य के बेरोजगारों के दमन के विरुद्ध धामी सरकार के पुतले जलाएंगे। धीरेंद्र प्रताप ने आज यहां कहा जिस तरह से बेरोजगारों का दमन और उन पर निर्मम लाठीचार्ज और मुकदमे दर्ज किए गए हैं, सारे राज्य के आंदोलनकारी क्षुब्ध है और राज्य सरकार की तानाशाही और दमनकारी नीतियों का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा
राजनीतिक दल जिनमें कांग्रेस शामिल है बड़े पैमाने पर इसका विरोध कर रही है परंतु उन्होंने इस मामले में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेताओं पीसी तिवारी और प्रभात ध्यानी से बात की है और राज्य आंदोलनकारी मंच उत्तराखंड क्रांति दल वामपंथी दलों का भी विरोध सरकार के बेरोजगार विरोधी रवैया के विरुद्ध सामने आया है उन्होंने तमाम विपक्षी दलों से इस मामले में एकीकृत नीति बनाए जाने और इस सरकार को सबक सिखाने के लिए आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में पांचों लोकसभा प्रत्याशी विपक्ष के जिताए जाने की आग्रह करते हुए तमाम विपक्षी दलों से बेरोजगारों के पक्ष में एक साथ सड़कों पर आने का आह्वान किया है। राज्य आंदोलनकारियों की ओर से बोलते हुए उन्होंने कहा आप खामोश रहने का वक्त नहीं रह गया जो सपना उत्तराखंड को बनाने का देखा था भाजपा ने उसे नेस्तनाबूद कर दिया है हमारी जवानी सड़कों पर है और उसका खून भाजपा के लोग बहाने पर लगे हैं। इस वक्त चुप रहना शहीदों के सपनों के साथ धोखा देना होगा। उन्होंने तमाम आंदोलनकारियों से अगले 3 दिनों तक लगातार धामी सरकार के पुतले फूंकने का आह्वान किया और इस सरकार के बर्बर शासन का विरोध दर्ज करने का आह्वान किया है। समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरि कृष्ण भट्ट केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष गणों सरिता नेगी अनिल जोशी डॉ विजेंद्र पोखरियाल अभियान समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह रावत महिला शाखा की अध्यक्ष सावित्री नेगी केंद्रीय संयोजक मनीष नागपाल और मीडिया विभाग के अध्यक्ष नवीन जोशी ने भी धामी सरकार के दमन की निंदा की है और सरकार के तानाशाही कदमों का विरोध करने हेतु राज्य भर के आंदोलनकारियों के पुतले जलाने के फैसले का समर्थन किया है।