आंदोलनकारियों के आरक्षण के लिए विशेष सत्र स्वागत योग्य कदमः भट्ट
देहरादून। भाजपा ने आंदोलनकारी आरक्षण को लेकर विशेष विधानसभा सत्र शीघ्र बुलाए जाने के कदम का स्वागत करते हुए यूसीसी भी लागू करने का भरोसा जताया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, मुख्यमंत्री धामी की इन दोनो मुद्दों पर गंभीरता स्पष्ट करती है कि भाजपा सरकार ही ये सब कर सकती है। मीडिया के साथ अलग अलग हुई अनौपचारिक बातचीत में श्री भट्ट ने कहा, बेहद संतोष एवं प्रसन्नता की बात है कि विधानसभा प्रवर समिति ने राज्य आंदोलनकारी आरक्षण पर रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी है। जिसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने शीघ्र सदन का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा स्वागत्योग्य है।
उन्होंने कहा, राज्य निर्माण की भावना को सम्मान देने की यह कोशिश भाजपा की प्राथमिकता में है। चूंकि पूर्व में कुछ तकनीकी कमियों के चलते इस आरक्षण को न्यायिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। लिहाजा हम नही चाहते थे कि इस बार भी आंदोलन के प्रति हमारी इस कृतज्ञ भाव को और अधिक इंतजार करना पड़े। यही वह है कि हमारी सरकार पूरी तैयारी के बाद इस विधेयक को लेकर सदन में आई थी, जहां सदन की भावना के अनुरूप थोड़ा और विचार विमर्श के लिए प्रवर समिति को सौंपा गया था । समिति ने गहन विचार विमर्श और सभी तकनीकी पहलुओं को संज्ञान में लेने के बाद रिपोर्ट सौंप दी है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद सीएम धामी ने शीघ्र विशेष सत्र आहूत करने का भरोसा देकर प्रदेशवासियों में उत्साह का संचार किया है।
श्री भट्ट ने यूसीसी को लेकर विशेष सत्र की चर्चा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, समान नागरिक संहिता हमारी वैचारिक प्रतिबद्धता और विधानसभा चुनावों में जनता से किया वादा है। यही वजह है कि धामी सरकार ने अस्तित्व में आते ही जनभावनाओं के अनुरूप इसकी कानूनी प्रक्रिया शुरू की और ड्राफ्ट कमेटी का गठन क्रिया। अब चूंकि यूसीसी ड्राफ्ट तैयार हो गया है और शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट सरकार को मिल जाएगी। इसमें महत्वपूर्ण है कि हमारी सरकार की इस अभूतपूर्व और ऐतिहासिक प्रयास की प्रशंसा चारों और हो रही है एवं कई प्रदेश सरकारें तो इसका अनुपालन कर रही हैं। प्रदेश के सवा करोड़ लोगों के लिए संतोषजनक और गौरवान्वित होने वाली बात यह कि समान कानून लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बनेगा । उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली और गंभीरता दर्शाती है कि वे शीघ्र ही इसे लागू करवाकर ही दम लेंगे। साथ ही उन्होंने कहा, हालांकि यह सीएम का विशेषाधिकार है कि वे किसी भी कानून को कब, कैसे और किस तरह लागू करवाते हैं। लेकिन इतना तय है कि देश समाज में बदलाव लाने वाले इस तरह के बड़े फैसलों को केवल भाजपा सरकार ही लागू कर सकती है।