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सपा ने हर महीने एक गैस सिलिंडर और बिजली-पानी के बिलों में 50 फीसदी की छूट का किया वादा

देहरादून। समाजवादी पार्टी ने उत्तराखंड की सत्ता में आने पर हर महीने एक गैस सिलिंडर और बिजली-पानी के बिलों में 50 फीसदी की छूट का वादा किया है। मंगलवार को लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तराखंड चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि विडम्बना है कि विगत 21 वर्षों से इस राज्य में कांग्रेस और भाजपा की सरकारों ने राज्य को भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला बना दिया है। इनके शासनकाल में प्रदेश की प्रगति अवरुद्ध रही। जनता का हर वर्ग अपने भविष्य को असुरक्षित और अपमानित महसूस कर रहा है।
समाजवादी पार्टी एक स्वच्छ, भ्रष्टाचार मुक्त और विकासशील उत्तराखंड प्रदेश के निर्माण का वादा करती है। समाजवादी पार्टी सत्ता में आई तो समयबद्ध कार्य निष्पादन के साथ अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी और गवर्नेंस की नई व्यवस्था होगी। पलायन रुकेगा, रोजगार मिलेगा, जल, जंगल और जमीन पर जनता का अधिकार होगा। अखिलेश ने कहा कि यूपी में 2012-17 के पांच वर्ष के समाजवादी सरकार के शासन काल में यूपी ने विकास की नई मंजिलें हासिल की हैं। स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुईं। बुनियादी समस्याओं के समाधान के लिए अनेक जनहितैषी नीतियों का क्रियान्वयन हुआ। सड़कों, एक्सप्रेस-वे का विस्तार किया गया। नए विद्युत संयंत्र लगाए गए।
समाजवादी पार्टी उत्तराखंड वासियों के हर सुख दुख में साथ रही है। वर्ष 2013 की केदार आपदा में उनकी सरकार ने कई सौ बसों का बेड़ा ऋषिकेश-देहरादून भेजा था, ताकि फंसे हुए यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। जब चमोली के तपोवन में आपदा आई तो जिस महिला मंदश्री देवी ने अपनी सूझबू से लोगों की जान बचाई थी, उन्हें सपा सरकार ने पांच लाख रुपये पुरुस्कार देकर सम्मानित किया। समाजवादी पार्टी ने उत्तराखंड की प्रगति के लिए एक समाजवादी मॉडल तैयार किया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आज हालात यह हैं कि 1768 गांव पलायन से वीरान हो चुके हैं। 2010 में लगभग 1100 गांवों में पलायन हुआ था, जिसमें भारी वृद्धि हुई है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देना तथा पर्वतीय क्षेत्रों में होटल या रिजार्ट बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराना। उच्च कोटि की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सभी जनपदों के जिला अस्पतालों को उच्चीकृत करना और प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्र ब्लॉक स्तर पर बनाना। प्रत्येक जनपद में मिनी सिडकुल की स्थापना तथा इनमें स्थानीय उपलब्ध कच्चे माल से उद्योग चलाना। शिक्षा में गुणवत्ता के लिए सभी महाविद्यालयों तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में आधुनिक उपकरणों से प्रयोगशाला और पुस्तकालयों की स्थापना। रिवर्स पलायन के लिए कार्य योजना तैयार कर मानवविहीन गांवों में पुनरू जीवन की गतिविधियां शुरू करना। प्रदेश में नई कृषि नीति का लागू किया जाना ताकि मैदानी क्षेत्र तथा पर्वतीय क्षेत्र के किसानों को लाभ मिल सके। जैविक खेती, फल, पुष्प तथा पादपीय औषधि की खेती को बढ़ावा देंगे।

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