सोशल मीडिया को चुनावी प्रक्रिया प्रभावित करने का माध्यम बनने नहीं दिया जायेगाः-रवि शंकर प्रसाद
नई दिल्ली । 2019 के लोकसभा और उससे पहले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों को देखते हुए सोशल मीडिया की गतिविधियों पर सरकार की पैनी नजर है। इस प्लेटफार्म के डाटा के दुरुपयोग की खबरों को वह गंभीरता से ले रही है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद का दो टूक कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि ऐसा करने की कोशिश करने वालों को कड़ा दंड दिया जाएगा।अर्जेटीना के साल्टा में आयोजित जी-20 डिजिटल इकोनोमी मिनिस्टि्रयल मीटिंग को संबोधित करते हुए प्रसाद ने उपरोक्त टिप्पणी की।
चुनावी प्रक्रिया बाधित करने वालों को मिलेगा कड़ा दंड आधिकारिक बयान के अनुसार, इस बैठक में उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुद्धता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने वादा किया कि भारत इस तरह की किसी भी कोशिश को विफल करने के लिए सख्त कदम उठाएगा। चुनावी प्रक्रिया बाधित करने वालों को कड़ा दंड दिया जाएगा। बकौल रविशंकर प्रसाद, ‘सोशल मीडिया प्लेटफार्म डाटा के दुरुपयोग की खबरों को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। किसी अनुचित मकसद के लिए इस तरह के प्लेटफार्म के जरिये चुनावी प्रक्रिया प्रभावित करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’
कट्टरता फैलाने के लिए साइबर माध्यम गंभीर चुनौती इस मौके पर उनका यह भी कहना था कि इंटरनेट का आपराधिक उपयोग अब एक वास्तविकता बन गया है, जिसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। प्रसाद के मुताबिक, कट्टरता फैलाने के लिए भी साइबर माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह एक गंभीर चुनौती बन चुका है, जिससे निपटने के लिए घरेलू स्तर पर बेहतर कानूनों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी जरूरी है।
सोशल मीडिया के दुरुपयोग का मुद्दा जांच का विषय उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया के दुरुपयोग का मुद्दा भारत में जांच का विषय बना हुआ है। सरकार ने इसका बेजा इस्तेमाल रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की चेतावनी भी दी है। हाल ही में सीबीआइ ने ब्रिटिश पोलिटिकल कंसल्टेंसी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ जांच शुरू की है। इस फर्म पर फेसबुक के जरिये भारत के करीब पांच करोड़ यूजर्स की निजी जानकारियां लीक करने का आरोप है।