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देहरादून जिले में अब तक 621 लोगों की मौत कोरोना से ग्रसित होने पर हुई

देहरादून। जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने दीपवाली के उपलक्ष्य में मीडिया से मुखातिब होकर दीवाली की शुभकामनाएं देते हुए जनपद में कोविड-19 को नियंत्रित करने और जल जीवन मिशन पेयजल योजना के बेहतर क्रियान्वयन के बारे में ब्रिफ किया। जिलाधिकारी ने कहा कि मार्च से अब-तक जनपद में कोरोना के कुल 18627 मामले सामने आए हैं, जिसमें से आज की तिथि तक केवल 998 मामलें एक्टिव (सक्रिय) हैं। जनपद में 1 लाख 76 हजार लगभग कुल जनसंख्या की 10 प्रतिशत् तक टेस्टिंग की गई है।  वर्तमान में कुल 4 कन्टेंनेमेंट जोन हैं। अभी त्यौहारी सीजन और जनपद में पर्यटकों के आवागमन के चलने से कोविड-19 मामलों में थोड़ा बढोतरी देखी गई जिसको नियंत्रित करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से लोगों अपील की है कि ‘‘दीवाली में घर में खुशियां लाएं, कोरोना नहीं’’ सभी लोग कोरोना से बचाव की गाईडलाईन का पालन करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क अनिवार्य रूप से पहनंे, सेनिटाइजर का प्रयोग करें अथवा नियमित अन्तराल पर साबुन से हाथ धोते रहें।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में कुल 621 लोगों की कोरोना से ग्रसित होने पर मृत्यु हुई, जिसमें से 498 का डैथ आॅडिट किया जा चुका है। इसमें से केवल 84 लोगों की मृत्यु केवल कोरोना होने के चलते हुई बाकि अधिकतर लोगों की मृत्यु किसी-न-किसी बीमारी(को-मोर्बिडिटी कण्डिशन) होने के चलते हुई है। जनपद में टैस्टिंग की फैसिलिटी लगातार बढाई जा रही हैं तथा आईसीयू और बैड की संख्या पर्याप्त है, जिसे आवश्यकतानुसार बढाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना की वैक्सीन आने से पूर्व ही अभी से कोल्ड चैन को मैन्टेन किया जा रहा है। मीडिया ब्रिफिंग के दौरान जिलाधिकारी ने जल जीवन मिशन पेयजल योजना के सम्बन्ध में अवगत कराया कि भारत सरकार का घर-घर को टैप्ड वाटर (नल से पेयजल) उपलब्ध कराने की योजना है। जिसमंे जनपद देहरादून को कुल 120660 घरों को पेयजल कनैक्शन देने का लक्ष्य दिया गया था जो आज की तिथि तक 87.15 प्रतिशत् तक पेयजल कनैक्शन दिया जा चुका है। और इस कार्य में जनपद देहरादून अन्य सभी जनपदों से प्रथम स्थान पर है तथा शीघ्र ही इसको शत् प्रतिशत् किया जाएगा। जनपद में लगभग 5000 तोक ऐसी थी जहंा पर किसी भी तरह की कोई पेयजल योजना नहीं थी। उनको पेयजल योजना से आच्छादित किया जा रहा है। अभी प्रथम चरण में टैप्ड पाईप वाटर को घर-घर पेयजल कनैक्शन देने का लक्ष्य पूरा करने करीब हैं। शीघ्र ही द्वितीय में चरण स्त्रोत के सुधारीकरण, पुनर्जीवन व उसका विकास का कार्य किया जाएगा तथा तृतीय चरण में गुणवतापूर्वक पेयजल उपलब्ध कराने पर अभी से मंथन किया जा रहा है।

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