श्रीराम ने वनगमन और रामराज्य की स्थापना के बीच सामाजिक समता और वन्य जीवों का संरक्षण भी कियाः-सीएम योगी
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रामायण की कथा हम सबको बड़ा संदेश देती है। त्रेता युग के दौरान रावण दुनिया भर के लिए आंतक का पर्याय था। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने 14 साल में जो आदर्श रखा, उसी का परिणाम था कि रावण पर विजय हासिल की। रावण सिर्फ त्रेता युग में नहीं, बल्कि हर युग में होता है। रावण की यह उपस्थिति हम सबको जीवन में सदैव विपरीत परिस्थितियों में संयम न खोते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को गोरखपुर के अंधियारीबाग रामलीला मैदान में भगवान राम के राजतिलक के परंपरागत आयोजन के बाद मौजूद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीराम ने वनगमन और रामराज्य की स्थापना के बीच सामाजिक समता और वन्य जीवों का संरक्षण भी किया। उनकी पूरी सेना ने वनवासी समुदाय के लोगों, दलितों, आदिवासियों को एकजुट किया।अयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 अक्तूबर को सरयू जट पर 5.51 लाख दीप जलाए जाएंगे। अयोध्या में इस बार छह देशों की रामलीला का मंचन होगा। इन देशों की भाषा भले ही अलग-अलग होगी लेकिन सभी के भाव एक होंगे। थाईलैंड में भगवान श्रीराम की मान्यता का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि वहां के राजा अपने को राम का वंशज मानते हैं। उन्होंने रामलीला के आयोजकों से कहा कि वह रामायण शोध संस्थान के लोगों से बात कर विदेश की रामलीला का गोरखपुर में मंचन कराएं। मुख्यमंत्री ने सभी को विजयादशमी की बधाई दी और भगवान राम के आदर्शों को आत्मसात करने की अपील की।अयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 अक्तूबर को सरयू जट पर 5.51 लाख दीप जलाए जाएंगे। अयोध्या में इस बार छह देशों की रामलीला का मंचन होगा। इन देशों की भाषा भले ही अलग-अलग होगी लेकिन सभी के भाव एक होंगे। थाईलैंड में भगवान श्रीराम की मान्यता का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि वहां के राजा अपने को राम का वंशज मानते हैं। उन्होंने रामलीला के आयोजकों से कहा कि वह रामायण शोध संस्थान के लोगों से बात कर विदेश की रामलीला का गोरखपुर में मंचन कराएं। मुख्यमंत्री ने सभी को विजयादशमी की बधाई दी और भगवान राम के आदर्शों को आत्मसात करने की अपील की।
विजय शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली गोरखपीठाधीश्वर की परंपरागत विजय शोभा यात्रा मंगलवार की शाम श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के वातावरण में धूमधाम से निकली। शोभा यात्रा में गोरक्षपीठाधीश्वर की गद्दी पर सवार मुख्यमंत्री योगी को देखने के लिए सड़क के दोनों किनारें खड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही। गोरखनाथ मंदिर से लेकर गंतव्य स्थान मानसरोवर मंदिर और फिर रामलीला मैदान तक सड़कों और छतों पर खड़े लोगों ने पुष्प वर्षा से शोभायात्रा का स्वागत किया। अनवरत गूंज रहे जयकारे के बीच धीरे-धीरे बढ़ता योगी का रथ शोभायात्रा को भव्यता प्रदान कर रहा था। यात्रा की शुरुआत शाम चार बजे हुई। यात्रा में सबसे आगे हनुमान अखाड़े के लोग चल रहे थे, उनके पीछे श्रद्धालुओं का समूह जय श्रीराम और नाथ संप्रदाय का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ रहा था।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शोभा यात्रा हनुमान जी की प्रतिमा भी शोभा यात्रा में सभी को सिर झुकाकर श्रद्धा व्यक्त करने के लिए मजबूर कर रही थी। उनके बाद लाठी खेलते बच्चे सभी के आकर्षण का केंद्र थे। हालांकि इन सबके बीच सबकी निगाहें योगी को ही तलाश रही थीं। क्रमबद्ध ढंग से जैसे ही योगी का रथ सड़क पर खड़े लोगों के पास पहुंच रहा था, लोग के चेहरे खिल जा रहे थे। कोई प्रणाम कर रहा था तो कोई अभिवादन के लिए हाथ उठा रहा था। योगी भी हर किसी को अभिवादन स्वीकार करने के लिए तत्पर थे। विजय शोभा-यात्रा में सन्तों, कार्यकर्ताओं एवं श्रद्धालुओं के हाथ में नाद, ध्वज, दंड, परम्परागत अस्त्र-शस्त्र नाथ परंपरा की याद दिला रहे थे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शोभा यात्रा जब मानसरोवर मंदिर पहुंची तो वहां योगी ने भगवान शिव सहित सभी विग्रहों का विधि-विधान से पूजन किया और फिर आरती उतारी। उसके बाद यात्रा अंधियारी बाग रामलीला मैदान पहुंची, जहा गोरक्षपीठाधीश्वर ने भगवान राम का राजतिलक किया। वहां उन्होंने अपने संबोधन में उपस्थित जन समूह से राम के आदर्शो पर चलने का आह्वान किया।