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श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष परम् पूज्य ब्रहमचारी ब्रह्मस्वरुप महाराज ने 39 ब्रह्मचारियों को विधि विधान व मंत्रोच्चारण से उपयन्न संस्कार सम्मपन कराया

ऋषिकेश, हरिद्वार। श्री  जयराम संस्कृत महाविद्यालय ऋषिकेश में बर्ष 22/23 के लिए 39 ब्रह्मचारियों को प्रवेश दिलाकर आज संस्था के परमाध्यक्ष ब्रहमचारी ब्रह्मस्वरुप महाराज के सानिध्य में उपन्यन संस्कार एवम् वेदारम्भ करने वाले नूतन छात्रों को वेदाचार्य माया राम रतुडी ने विधि विधान व मंत्रोच्चारण से उपयन्न संस्कार सम्मपन  कराया।
     इस मौके पर श्री जयराम संसथाओ के परमाध्यक्ष परम् पूज्य ब्रहमचारी ब्रह्मस्वरुप महाराज ने कहा सभी ऋषिकुमारो को भारतीय संस्कृति का अनुसरण करना व्यवहार, भोजन संसकार सभी को शुद्ध रखकर हमेशा वसुधैव कुटम्वकम की भावना रखकर समाज के कल्याण के लिए कार्य करना होगा  उन्होंने ने कहा सभी ऋषिकुमार संसकृत एवम संकृति व अपने पुर्वज व माता पिता तथा गुरजनो की ख्याति आगे बढाये! जीवन मे विध्या धन ही श्रैष्ठ धन है जो कभी चोरी नही किया जा सकता! विध्या का कोई भार नही होता! विध्या बांटने से और बढती है! इसलिए कहा भी गया है! विध्या दधाति विन्यम् विन्यात यति पात्राताम पात्रत्वाद् धनमापनोति धनाद्भर्म तत सुखंम् इसलिए सभी को विध्याध्यन कर राष्ट्र के निर्माण का संकल्प लेना चाहिए इस कार्यक्रम में संस्था के ट्षीगण विनोद अग्रवाल, अशोक शर्मा, अशोक रस्तोगी, राजेश शर्मा, मदन मोहन शर्मा, महाविद्यालय के प्रबंधक बी, एम बडोनी, प्रदीप शर्मा, सत्तेद्र भट्ट दर्शन लाल, गरोला, मुनीश कुमार शर्मा, प्रधानाचार्य विजय जुगलाण, अध्यापक विनोद प्रसाद गैरोला,हंसराज भट्ट, सुर्य प्रकाश रतुडी, तथा अंजना उनियाल, मनीष नौगाई  आदि उपस्थित थे।

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