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शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार न बन पाने की स्थिति में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के संकेत

मुंबई शिवसेना के कड़े रुख को देखते हुए भाजपा ने शुक्रवार को शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार न बन पाने की स्थिति में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के संकेत भी दे दिए हैं। जबकि शिवसेना अब भी ढाई साल के मुख्यमंत्री पद की अपनी मांग पर अड़ी हुई है। शिवसेना नेता संजय राऊत ने साफ कह दिया है कि इस बार शिवसेना अपना मुख्यमंत्री बनाकर दिखाएगी।

राष्ट्रपति शासन अंतिम अस्त्र के तौर पर माना जा रहा है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के संकेत भाजपा ने शिवसेना को समझाने के अंतिम अस्त्र के तौर पर किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पिछली सरकार में वित्तमंत्री रहे सुधीर मुनगंटीवार ने शुक्रवार को एक चैनल से बात करते हुए कहा कि राज्य की जनता ने सरकार बनाने का जनादेश भाजपा, शिवसेना एवं अन्य मित्रदलों के महागठबंधन को दिया है। भाजपा ऐसी सरकार बनाने का पूरा प्रयास कर रही है, और 100 फीसद ऐसी सरकार बनेगी, लेकिन यदि सरकार नहीं बन पाती तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने से इंकार नहीं किया जा सकता। जबकि शिवसेना अब भी अपने लिए ढाई साल के मुख्यमंत्री पद की मांग पर अड़ी है।

शिवसेना अभी भी अड़ी मुख्यमंत्री के पद को लेकर शिवसेना नेता संजय राऊत ने अब तक सरकार बनाने की बातचीत शुरू न करने की जिम्मेदारी भाजपा पर डालते हुए कहा कि राज्य में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनकर रहेगा। राऊत ने अपने ट्वीटर संदेश में एक शेर लिखा है कि – ‘साहब, मत पालिए अहंकार को इतना, वक्त के सागर में कई सिकंदर डूब गए’। इस शेर में उन्होंने ‘साहब’ कहकर किसे संबोधित किया है, यह स्पष्ट नहीं हो सका है।

शिवसेना के तीखे तेवरों के बावजूद सरकार भाजपा-शिवसेना गठबंधन की बनेगी शिवसेना के तीखे तेवरों के बावजूद माना जा रहा है कि भाजपा-शिवसेना मिलकर ही राज्य में सरकार बनाएंगे। इस संबंध में शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के सरकारी आवास वर्षा पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक भी बुलाई गई थी।

राकांपा विकल्प देने की बात करती है दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि यदि भाजपा और शिवसेना राज्य में सरकार बनाने में विफल रहती हैं, तो उनकी पार्टी विकल्प देने का प्रयास करेगी। मुनगंटीवार के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मलिक कहते हैं कि यह बयान कुछ धमकी जैसा लगता है। लोगों ने भाजपा और शिवसेना को सरकार बनाने को कहा है। यदि वे सदन के पटल पर ऐसा करने में विफल रहती हैं, तो हम विकल्प देने का प्रयास करेंगे।

अजीत पवार ने कहा- मेरी पार्टी विपक्ष में बैठेगी एक दिन पहले ही राकांपा विधायक दल के नेता चुने गए अजीत पवार पहले कह चुके हैं कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है, और वे विपक्ष में ही बैठेंगे। कांग्रेस में भी वैकल्पिक सरकार बनाने या शिवसेना को समर्थन देने पर दो मत नजर आ रहे हैं।

कांग्रेस शिवसेना को सरकार बनाने के लिए उकसा रही है पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण चुनाव परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना को सरकार बनाने के लिए उकसाते दिख रहे हैं, तो प्रदेश के प्रभारी महासचिव मल्लिकार्जुन खडगे सहित बाकी सभी वरिष्ठ नेतागण विपक्ष में बैठने की बात कर रहे हैं। दिल्ली गए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से मुलाकात के बाद भी स्पष्ट कर दिया है कि किसी अन्य दल को समर्थन देने के मुद्दे पर आलाकमान से उनकी कोई बात नहीं हुई है।

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