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शरीर को इंफेक्‍शन से बचाव के लिए– जादुई फल है ‘‘फालसा’’:-डाॅ.रवि नंदन मिश्र

देहरादून। फालसा देखने में छोटी होती है लेकिन इसके गुण अनगिनत होते हैं। इसकी दो प्रजातियां पाई जाती हैं। 1. फालसा, 2. भीमल।
*फालसा (Grewia asiatica Linn.)*
यह छोटा, मुलायम और पीले रंग का झाड़ी अथवा पेड़ होता है। इसके तने की त्वचा-खुरदरी, हल्का भूरा और  सफेद रंग की होती है। इसके फल गोल, बड़े मटर या जंगली झरबेरी जैसे धूसर रंग के होते हैं। जब फल कच्ची अवस्था में  रहते हैं तब वह हरे रंग के तथा पके  अवस्था में बैंगनी रंग के अथवा लाल रंग के, खट्टे व मीठे होते हैं।
*भीमल (Grewia oppositifolia.)*
इसके वृक्ष फैले हुए और 9-12 मी ऊँचे होते हैं। इसके फूल पीले रंग के होते हैं और पत्ते के विपरीत अक्ष (axis)  में लगे होते हैं। इसके फल  हरे रंग के होते हैं और सूखने पर काले रंग के हो जाते हैं।
फालसा देखने में छोटा होता है लेकिन इसके फायदे अनगिनत होते हैं। कच्चा फालसा कड़वा, एसिडिक, गर्म तासीर का, छोटा, रूखा, कफ और वात को कम करने में सहायक; पित्तकारक तथा स्वादिष्ट होता है। फालसा का पका फल मधुर,ठंडे तासीर का, कमजोरी दूर करने वाला, स्पर्म का काउन्ट बढ़ाने वाला, खाने की रुची बढ़ाने वाला, पौष्टिक और थकान मिटाने वाला होता है। फालसा को मूत्रदोष, जलन, रक्त संबंधी रोग और बुखार आदि में उपचार स्वरुप उपयोग किया जाता  है।
फालसा की छाल (त्वक्) मधुमेह नियंत्रण करने के साथ ही साथ योनी की जलन से भी राहत दिलाने में मदद करती  है। फालसा की जड़ दर्दनिवारक, वातपित्त और मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक होती है। इसके अलावा गर्भाशय में होने वाले दर्द को भी कम करने में  मदद करती है।फालसा का वानस्पतिक नाम : Grewia asiatica  Linn. (ग्रीविया ऐशिऐटिका) Syn-Grewia subinaequalis DC होता है। फालसा Tiliaceae (टिलिएसी) कुल का होता है।  फालसा को अंग्रेज़ी में Phalsa (फालसा) कहते है, लेकिन भारत के दूसरे प्रांतों में इसको दूसरे नामों से पुकारा जाता है।
Sanskrit-परुषक, परुष, अल्पास्थि, परापर, परू, वन्यपत्रक, नीलवर्ण, परिमण्डल, परूष, गिरिपीलु, नीलचर्म, नीलमण्डल, मृदुफल, परावर;
Hindi-फालसा;
Urdu-फालसाह (Phalasah);
Odia-फारोसाकोली (Pharosakoli);
Konkani-फालसी (Phalsi);
Kannada–फूलसा (Phulsha), दागल (Dagala);
Gujrati-फालसा (Phalsa);
*फालसा के फायदे*–
1. फालसा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं जो शरीर को इंफेक्‍शन से बचाते हैं. इसमें मौजूद मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम, फास्फोरस, कैल्शियम, प्रोटीन,  विटामिन ए और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व हमारे शरीर में पोषक तत्‍वों की कमी को पूरा करते हैं.
2. गर्मी के मौसम स्‍वास्‍थ्‍य समस्याओं को दूर करने के लिए फालसे के रस का सेवन करना शरीर के लिए टॉनिक का काम करता है. यह पित्त की समस्याओं को दूर करता है और पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है.
3. विटामिन सी और खनिज तत्वों से भरपूर फालसा के सेवन से ब्‍लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का लेवल कंट्रोल में रहता है.
4. हाल ही में हुए वैज्ञानिक शोधों से यह बात सामने आई है कि फालसा में रेडियोधर्मी क्षमता भी होती है. इस कारण यह कैंसर से लड़ने में भी शरीर को सहायता करता है.
5. अगर आपको खून की कमी के कारण एनीमिया रोग हो गया है तो इसे खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ता है और एनीमिया से बचाव होता है.
6.फालसा के फलों का रस पीने से दमा, ब्रोंकाइटिस, जुकाम और अन्स सांस संबंधी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए अदरक या नींबू के रस के साथ फालसा फल मिलाएं। सांस की परेशानी होने पर थोड़े से अदरक के रस और सेंधा नमक के साथ गर्म फालसा जूस को लेने के लिए भी कहा जाता है।
7.मूत्र संबंधी रोग में कई समस्याएं हैं- जैसे पेशाब करते वक्त दर्द या जलन महसूस होना। इसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कहा जाता है। इसके लिए 25 ग्राम फालसा, 5 ग्राम आंवला पाउडर, 10 ग्राम काले अंगूर और 10 ग्राम खजूर लें। आंवला पाउडर को छोड़कर सबको पीस लें। रात को सभी सामग्री को पानी में भिगो दें। सुबह पानी को छानकर दो भागों में बांट लें । एक भाग सुबह पीएं और दूसरा शाम को। कुछ दिनों तक यह प्रक्रिया करने से पेशाब में जलन की समस्या खत्म हो जाएगी l
8.फालसा खाने से शरीर में आई सूजन से निजात मिलती है। स्वस्थ दिल के लिए यह बहुत अच्छा फल माना गया है। सूजन को कम करने के लिए 50 मिली फालसा के रस में चुटकीभर काली मिर्च और नमक डालकर पीएं। स्वाद के लिए इसमें चीनी भी मिला सकते हैं। यह सूजन में काफी राहत दिला सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि ये फल किसी भी दवा का विकल्प नहीं है। इसलिए हृदय से जुड़ी गंभीर बीमारी के लिए इसका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।फालसा फल में मौजूद फाइबर हृदय संबंधी (कार्डियोवस्कुलर) रोगों से बचाने में मदद करता है। फालसा फल और जूस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट भी हृदय से संबंधित बीमारियों से लड़ने में सहायक साबित हो सकते हैं। यह लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला खाद्य पदार्थ है, जो कोरोनरी हृदय रोग और मोटापे के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है l
9.फालसा फ्रूट में आयरन भरपूर होता है, इसलिए इसके सेवन से एनीमिया के इलाज में मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद आयरन आपके शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद कर सकता है, जिसकी कमी की वजह से एनीमिया होता है। एनीमिया की वजह से थकान और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं l
इस आलेख में दी गई जानकारियाँ सामान्य मन्याताओं पर आधारित है।    आप सेवन करने से पहले अपने डाॅक्टर या विशेषज्ञ से सलाह जरुर लें ।
*डाॅ.रवि नंदन मिश्र*
*असी.प्रोफेसर एवं कार्यक्रम अधिकारी*
*राष्ट्रीय सेवा योजना*
( *पं.रा.प्र.चौ.पी.जी.काॅलेज,वाराणसी*) *सदस्य- 1.अखिल भारतीय ब्राम्हण एकता परिषद, वाराणसी,*
*2. भास्कर समिति,भोजपुर ,आरा*
*3.अखंड शाकद्वीपीय  एवं*
*4. उत्तरप्रदेशअध्यक्ष – वीर ब्राह्मण महासंगठन,हरियाणा*

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