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जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखन्ड की जिला इकाई के चुनाव में शाहनजर अध्यक्ष व मूलचन्द्र महामन्त्री बने

देहरादून। जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखन्ड की देहरादून जिला इकाई के चुनाव में शाहनजर जिला अध्यक्ष व मूलचन्द्र शीर्षवाल जिला महामन्त्री चुने गए। जिला इकाई का यह चुनाव अधिवेशन के दूसरे सत्र में हुआ। कोषाध्यक्ष पद पर ज्योति भट्ट ध्यानी को चुना गया है। अन्य पदों पर मनोनयन करने का अधिकार नवनियुक्त अध्यक्ष व महामंत्री को सौंपा गया।
अधिवेशन को संबोधित करते हुए जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखन्ड के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर प्रवीण मेहता ने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाने वाली पत्रकारिता आज खतरे में है। इसके लिए हम सरकारों को ही दोष नहीं दे सकते। पत्रकार भी इसके लिए बराबर के दोषी है। उन्होने कहा कि पत्रकार अपने निजी हितों के लिए उस हद तक जाने के लिए तैयार हैं जिससे उनकी विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। दूर संचार क्रांति के इस युग में  मेहनत-मशक्कत छोड़ रेडी मेड़ को अपना लिया है। दूसरे हम अपनी पसंद न पसंद के चलते बंट गए हैं।  हमें सच और झूठ का ही पता नहीं चल पा रहा है। आज जरूरत इस बात की है कि मीडिया जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर आवाज उठाएं। उन्होने पत्रकारों की समस्याओं का भी जिक्र किया और कहा यूनियन लगातार पत्रकारों की 5 समस्याओं के समाधानई को प्रयासरत है। यूनियन के महामन्त्री गिरीश पन्त ने राज्य गठन के 22 वर्षाे बाद भी प्रेस मान्यता कमेटियों के गठन न होने पर सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अफसरों की मनमानी से पत्रकारों को मान्यता दी जा रही है। जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।
उन्होंने पत्रकारों की मेडिकल समस्याओं से लेकर पत्रकार पेंशन योजना की खामियों का जिक्र करते हुए कहा कि यूनियन ने सरकार से अतिशीघ्र पत्रकारों की समस्याओं को सुलझाने की मांग की है। यूनियन के पूर्व अध्यक्ष  व वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कहा कि हम सबको पत्रकारिता के दायित्व का निर्वहन संजीदगी से करना चाहिए। उन्होने  यूनियन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण प्रताप सिंह ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर मीडिया बेलगाम हो गया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता आम आदमी से दूर होकर खास आदमी की होकर रह गयी है।जरूरत इस बात की है कि बाजारवाद से दूर होकर पत्रकारो को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी जिससे हाशिये पर पहुंच चुके आम आदमी को लाभ मिल सके। यूनियन के जिला महामन्त्री अवनिश गुप्ता ने यूनियन की गतिविधियों के बारे में बताया।
अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि बाल रोग विशेषज्ञ डा0 आजाद बी0 सैनी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास की प्रक्रिया में मीडिया का अहम स्थान है। पत्रकारिता एक शीशे की तरह साफ होनी चाहिये। यह प्रयास किया जाना चाहिये कि इससे समाज को नई दिशा मिल सके। बतौर विशिष्ट अतिथि दून सरला एकेडमी के प्रबन्धक सुरेश चन्द्र जोशी ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। देश को स्वाधीनता दिलाने में पत्रकारिता का बड़ा योगदान रहा है। स्वाधीनता आंदोलन के बाद आपातकाल के दौर में भी समाज के भीतर जागरूकता पैदा करने का कार्य पत्रकारों ने किया है। आजादी से पूर्व और उसके बाद की पत्रकारिता में काफी बदलाव आये है। यूनियन की जिला इकाई के अध्यक्ष चेतन सिंह खड़का ने यूनियन की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड प्रदेश में पत्रकारों की सबसे बड़ी संस्था है और पत्रकारों की समस्याओं का समाधान शासन स्तर पर करवाना यूनियन की प्राथमिकता में से एक है। अधिवेशन में वरिष्ठ पत्रकार  संजीव शर्मा, समाज सेवी जय भगवान,पर्याेवरणविद जगदीश बावला, धाद संस्था के संस्थापक लोकेश नवानी,श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष मनमोहन लखेड़ा  आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर अवनीश गुप्ता, वीरेन्द्र दत्त गैरोला, संजीव शर्मा, संजय पाठक, जाहिद अली, दीपक गुप्ता, अधीर मुखर्जी, मौ0 खालिद, पूनम भण्डारी, अरूणेन्द्र भन्डारी, सतीश पुन्डीर, शिवेश्वर दत्त पान्डे, त्रिलोक पुण्डीर, संजीव पंत, ललिता बलूनी, संजय अग्रवाल,समीना, अधीर मुखर्जी, दीपक गुप्ता, गिरीश चन्द्र तिवारी, संजय पाठक, अनुराधा  ढौंढियाल, चैतराम भट्ट, दीपक सक्सेना, भानु काला, कवर सिंह सिद्दू, अभिनव नायक, प्रदीप रोहिला, मुकेश सिंघल सहित बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद थे।

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