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सात दिवसीय थिएटर फेस्ट ‘रंग खेला’ का हुआ आयोजन

देहरादून। रंगमंच की कला को मध्यनजर रखते हुए, पंचम वेद क्रिएशंस चैरिटेबल ट्रस्ट ने ओलंपस हाई स्कूल, केएसएम फिल्म प्रोडक्शंस और फ्लो उत्तराखंड के सहयोग से ओलंपस हाई के परिसर में रंग खेला का आयोजन किया। रंग खेला के आयोजन का उद्देश्य उत्तराखंड और आसपास के जिलों में रंगमंच और अभिनय की कला को बढ़ावा देना और कला प्रेमियों में रंगमंच के प्रति रुचि विकसित करना था। सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम श्रंग खेलाश् की शुरुआत सीता-राम विवाह नामक एक शानदार लोक संगीत के साथ हुई। तत्पश्चात, उत्तराखंड और उसके आसपास के विभिन्न थिएटर समूहों द्वारा कई नाटकों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें श्विकास बनाम विनाश, मेरा वजूद, रक्त अभिषेक, और द प्रपोजल शामिल हैं।
प्रत्येक थिएटर प्रदर्शन के बाद टीम के सदस्यों और निर्देशक के बीच एक चर्चा सत्र आयोजित हुआ, जिसकी मध्यस्थता राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, दिल्ली के अनुभवी थिएटर कलाकार श्रीश डोभाल ने की। प्रस्तुत किये गए नाटक एंटोन चेकोव, मोहन राकेश, पद्मश्री डॉ. सिन्हा और डॉ. रमेश पोखरियाल श्निशंकश् रंपेम प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखे गए हैं। पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक डॉ. कुणाल शमशेर मल्ला और संतोष रावत के साथ एक विशेष इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किया गया। इस सत्र के कंनतंद आगामी फिल्म 5 सितबर का ट्रेलर भी दिखाया गया, जिसे केएसएम फिल्म प्रोडक्शंस के डॉ. कुणाल शमशेरे मल्ला द्वारा निर्देशित और निर्मित किया गया है। इसके बाद उत्तराखंड के संतोष रावत द्वारा निर्देशित श्पाताल टीश् की स्पेशल स्क्रीनिंग की गई।
इस अवसर पर, डॉ. कुनाल शमशेर मल्ला, और ओलंपस हाई की प्रिंसिपल और फिक्की फ्लो उत्तराखंड की सीनियर वाइस चेयरपर्सन, डॉ. अनुराधा मल्ला ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, अभिनेत्री और निर्देशक को ट्रॉफी और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्होंने आयोजन संस्था पंचम वेद क्रिएशंस चैरिटेबल ट्रस्ट को कार्यक्रम के सफल समापन के लिए पुरस्कृत भी किया। नकद पुरस्कार डॉ. कुणाल मल्ला, डॉ. अनुराधा मल्ला, फ्लो की पूर्व अध्यक्ष किरण भट्ट टोडरिया और वीसी चारु चैहान द्वारा प्रायोजित किये गए थे। कार्यक्रम में प्रस्तुतियां हिमालय विश्वविद्यालय डोईवाला, देहरादून के अभिनय और प्रदर्शन कला विभाग (एमए थिएटर) के छात्रों, भारतेंदु नाट्य अकादमी के पूर्व छात्रों, और कोलकाता, असम, सहारनपुर और पौड़ी सहित विभिन्न स्थानों के प्रतिष्ठित समूहों के सदस्यों द्वारा दीं गयीं।

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