News UpdateUttarakhandसिटी अपडेट

जैव ईंधन उत्पादन-क्षमता, सम्भावनाएं व प्रौद्योगिकी’ पर संगोष्ठी आयोजित 

देहरादून। सीएसआईआर-आईआईपी, देहरादून में नार्थ इंडियन शूगरकेन एंड शुगर टेकोनोलॉजी एसोसिएशन (निस्टा) तथा सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी), देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में ‘भारत में जैव ईंधन उत्पादन-क्षमता, सम्भावनाएं तथा प्रौद्योगिकी’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। देश में दिनोंदिन ईंधन की बढ़ती मांग तथा देश में चीनी के बढ़ते उत्पादन के मद्देनजर, निस्टा ने गन्ने को जैव ईंधन के उत्पादन के लिए चिह्नित  किया है। इस संगोष्ठी में चीनी उत्पादन प्रक्रिया में बचने वाले गन्ने के शीरे, खोई अथवा बगास और गन्ने के ऊपरी हिस्से (अगोला) आदि से जैव ईंधन के निर्माण के साथ-साथ नवीनतम् पद्धति से गन्ने के उत्पादन, जिससे गन्ना किसान और चीनी उत्पादकों को और अधिक लाभ मिले पर बल दिया गया । इस संगोष्ठी में इथेनॉल उत्पादन से सम्बंधी अन्य विभिन्न विषयों पर वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे प्रमुख शोधकार्य तथा उपलब्ध उन्नत प्रौद्योगिकी आदि पर भी चर्चा की गई।
वर्तमान में मुख्यतः गन्ना उद्योग से प्राप्त होने वाले उप-उत्पाद अथवा अवशिष्ट ‘शीरे’ से ही इथेनॉल का उत्पादन किया जाता है। यद्यपि इस संगोष्ठी का मुख्य विषय ‘गन्ने’ के उप-उत्पाद शीरे से इथेनॉल उत्पादन पर केंद्रित है तथापि इसमें अन्य विभिन्न स्रोतों जैसे कि धान, गेहूं तथा कपास की भूसी, केले के डंठल, सड़े हुए आलू, सड़े हुये अनाज के साथ-साथ अन्य न खाए जाने वाले पदार्थों से इथेनॉल के उत्पादन की सम्भावनाओं पर भी चर्चा की गई। इस संगोष्ठी का उद्घाटन प्रो. (डॉ). आर. के. खंडाल, प्रेसीडेन्ट, इण्डिया ग्लाकोल्स लिमिटेड ने किया। डॉ. राम मूर्ति सिंह, अध्यक्ष, निस्टा ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस योजना के अधीन लगाए जा रहे नवीन यूनिटों से ही इथेनॉल की आपूर्ति की जाए। इथेनॉल की सम्भावित बढती मांग हमारे इथेनॉल संयंत्रो के भविष्य के लिए सकारात्मक है। डॉ. अंजन रे, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईपी, देहरादून ने वीडियो उद्बोधन के माध्यम से सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया। डॉ. अमर जैन, डॉ. श्रीप्रकाश नाइक नवारे, एम.डी.,नेशनल फेडरेशन आफ कोऑपरेटिव शूगर फैक्ट्रीज लिमिटेड, नई दिल्ली, डॉ. टी. भास्कर, डॉ. एस. वी. पाटिल, वसन्त दादा सुगर रिसर्च इन्स्टीट्यूट, पूणे, डॉ. एम. एस. सुंदरम्, एम.डी., जे पी मुखर्जी एण्ड एसोसिएट पूणे, डॉ. रिन्टू बनर्जी, आईआईटी, खड़गपुर ने विषय से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर प्रस्तुतिकरण किया। विपिन बिहारी, महासचिव, निस्टा ने सेमिनार में उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिनिधियों को को धन्यवाद ज्ञापित किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button