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विश्व ध्यान दिवस पर आरोग्यप्रद जीवनशैली के रहस्यों का अनावरण

देहरादून। हार्टफुलनेस गाइड कमलेश पटेल (दाजी), हार्टफुलनेस संस्था और इंटीग्रेटिव एंड लाइफस्टाइल मेडिसिन के आरोग्यप्रद जीवनशैली कोच ल्यूक काटिन्हो के द्वारा ‘आरोग्यप्रद जीवनशैली  के रहस्य’ विषय पर आज विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर चर्चा की गई। दाजी और ल्यूक ने विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित व्यक्तियों के साथ काम करने के अनुभवों से उत्पन्न अपनी अंतर्दृष्टि को साझा किया। उन्होंने अपने-अपने जीवन की अनेक छोटी-छोटी घटनाओं के विवरणों, अपने दर्शन को साझा किया। दाजी ने हार्टफुलनेस ध्यान की पद्धति और अपने निजी जीवन में इसकी भूमिका के बारे में वक्तव्य दिया। ल्यूक और दाजी ने कुछ अत्यंत प्रासंगिक प्रश्नों के उत्तर भी दिए जो ध्यान प्रारंभ करने के पूर्व साधकों के मन में होते हैं। उन तरीकों के विषय में गंभीर चर्चा हुई कि किस प्रकार कोई व्यक्ति अपने मन को ध्यान करने के योग्य बना सकता है, प्रतिदिन ध्यान करने के लिए रुचि पैदा कर सकता है, विचार और विवेक में स्पष्टता प्राप्त कर सकता है और इन सबसे बढ़कर अपने आंतरिक मार्गदर्शन को जागृत करना और उसे स्पष्ट सुनना सीख सकता है।
पूरी चर्चा के दौरान उनका आशय गहन अंतर्दृष्टियों के द्वारा दर्शकों का मार्गदर्शन करना और अधिक आवश्यक रूप से व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक कल्याण को बनाए रखने के लिए व्यावहारिक नुस्खे और उपकरण देने की ओर केन्द्रित था। इस समय कोविड-19 के कारण प्रस्तुत व्यक्तिगत चुनौतियों की वजह से यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। महामारी के कारण बढ़ाए गए प्रतिबंधों, लाकडाउन तथा अनेक सामाजिक प्रतिबंधों का प्रयोग आजकल भारत में अधिक किया जा रहा है, इन सभी कारणों ने लोगों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। विज्ञान और दर्शनशास्त्र के तर्कों और अनेक व्यक्तिगत निरीक्षणों तथा जीवन के उदाहरणों से ल्यूक और दाजी ने क्लांति की अति के वर्तमान परिदृश्य में आशा, विश्वास और सकारात्मकता लाने के व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किए। इंटीग्रेटिव एंड लाइफस्टाइल मेडिसिन के आरोग्यप्रद जीवनशैली कोच ल्यूक ने अपने इरादे और उम्मीदों को विस्तारपूर्वक बताते हुए चर्चा को आगे बढ़ाया कि दोनों विशेषज्ञ, व्यक्तियों की सरल, शक्तिशाली और प्रभावशाली तरीके से सहायता और मार्गदर्शन करने के लिए एक साथ आए हैं। उनकी प्रारंभिक टिप्पणी थी कि “इस पहल को शुरू करने का कारण यह था कि हम अपने जीवन के अनुभवों को मिलाएंगे और इतने वर्षों में जो कुछ भी हमने सीखा है उन रहस्यों को साझा करेंगे। ध्यान के दर्शन और आरोग्यप्रद अभ्यासों के एकीकरण ने मेरी तथा उन अनगिनत लोगों की सहायता की है जिनके साथ मैंने काम किया है। दाजी का ज्ञान हमेशा मेरे लिए प्रबोधक रहा है और मैं अपनी इस चर्चा को दुनिया के साथ साझा करना चाहता था ताकि लोग हमारे व्यक्तिगत और पेशेवर ज्ञान से लाभ ले सकें। हम चाहते हैं कि लोग इसे समझें और इस ज्ञान का उपयोग व्यक्तिगत और सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए करें। हम लोगों के मानसिक और भावनात्मक कल्याण के लिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचना, मार्गदर्शन करना और उन्हें प्रेरित करना, तथा उनके चारों ओर मौजूद नकारात्मक तत्वों को प्रभावहीन करने की आशा करते हैं”।

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