संस्कृत शिक्षक संघ ने दिया विभाग को अल्टीमेटम
-मांगें न मानी गई तो 11 जनवरी से आंदोलन करेंगे
देहरादून। देहरादून में संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ उत्तराखंड के पदाधिकारियों ने संस्कृत निदेशालय में जाकर निदेशक, उप निदेशक को एक 08 सूत्रीय अल्टीमेटम पत्र सौंपा। साथ ही चेतावनी दी कि अगर 10 जनवरी साथ मुख्य समस्याओं का निराकरण नही किया जाता तो 11 जनवरी से सभी शिक्षक निदेशालय में धरने पर बैठने के लिए बाध्य होंगे।
अध्यक्ष डॉ राम भूषण बिजल्वाण ने कहा कि प्रदेश में संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त होने के एक दशक बाद भी संस्कृत की किसी भी समस्या का निराकरण नही हुआ है संस्कृत की इतनी दुर्दशा है कि आज भी प्रदेश माध्यमिक और उच्च शिक्षा नियमों के विरुद्ध एक साथ चल रही है और इतना है नही महज दो से तीन शिक्षकों के भरोसे माध्यमिक और उच्च शिक्षा चल रही है वही निदेशालय माध्यमिक शिक्षा के पहुंच वाले स्ज्ध्प्रवक्ता स्तर के शिक्षकों का अड्डा बना हुआ है ऐसी तमाम समस्या है डॉ बिजल्वाण ने कहा कि यदि 10 जनवरी तक सभी 08 बिंदुओं का निराकरण नही किया जाता तो 11 जनवरी से सभी लोग निदेशालय में धरने पर बैठने के लिए बाध्य होंगे। और इस कोरोना महामारी में भी शिक्षकों को पिछले महीने से वेतन नही मिला है शिक्षकों के लिए पदोनत्ति की कोई व्यवस्था नहीं है। माध्यमिक स्तर के पाठ्यक्रम पर लगातार आपत्ति आने पर भी पाठ्यक्रम में सुधार नही हुआ है इन समस्याओं को तत्काल निराकरण के लिए आप प्रतिनिधि मंडल द्वारा एक ज्ञापन सौंपा गया है साथ ही ज्ञापन की प्रति राज्यपाल, मुख्यमंत्री , विभागीय मंत्री, सचिव, अपर सचिव, कुलपति संस्कृत विश्विद्यालय आदि को भेजा गया है। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश अध्यक्ष डॉ राम भूषण बिजल्वाण के अलावा डॉ शैलेंद्र प्रसाद डंगवाल, प्रदेश संरक्षक सुनील बिजल्वाण, प्रदेश प्रवक्ता डॉ गिरीश पांडेय, अध्यक्ष, जनपद देहरादून डॉ गोपाल राम आर्य, उपाध्यक्ष, जनपद हरिद्वार डॉ प्रकाश चंद्र जोशी, महामंत्री, जनपद हरिद्वार डॉ दीपशिक्षा,
महामंत्री, जनपद देहरादून महामंत्री डॉ सीमा बिजल्वाण, जनपद कोषाध्यक्ष आदि उपस्थित रहे।