National

कैश की किल्लत पर सख्त सरकार, एक दिन के भीतर 80 प्रतिशत ATM में पैसा डालें बैंक

नई दिल्ली। एटीएम में नकदी की किल्लत दूर करने के लिए सरकार के सख्त रुख से हालात सुधरने के आसार हैं। अधिकांश राज्यों में 80 फीसद एटीएम में कैश है जबकि बाकी राज्यों में बैंकों को एक दिन के भीतर तीन चौथाई से अधिक एटीएम में कैश उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। एटीएम में 500 रुपये और 2000 रुपये के नोट डाले जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को नकदी संकट की स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने बैंकों के आला अफसरों के साथ समीक्षा बैठक भी की। बैठक के बाद सभी बैंकों को निर्देश दिया गया कि जिन पांच-छह राज्यों में एटीएम में नकदी उपलब्ध नहीं है, वहां एक दिन के भीतर 80 फीसद एटीएम में नकदी उपलब्ध कराई जाए। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक सहित कई राज्यों में हाल के दिनों में एटीएम में कैश की किल्लत की खबरें आई हैं। एक दिन पहले ही बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर राज्य में कैश की किल्लत का मुद्दा उठाया था। किल्लत की वास्तविक वजह को लेकर आधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि बैंकों में जमाराशि के मुकाबले निकासी अधिक होने से यह स्थिति पैदा हुई है। बताया जाता है कि सोमवार को लोगों ने बैंकों से 29,475 करोड़ रुपये निकाले जबकि 23,651 करोड़ रुपये जमा किए। इस तरह जमा के मुकाबले निकासी अधिक रही। सरकार का कहना है कि बीते कुछ हफ्तों में करेंसी की मांग में असामान्य वृद्धि हुई है। वैसे देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआइ की एक रिपोर्ट बताती है कि चलन में जितनी मुद्रा की आवश्यकता है, उससे कम करेंसी उपलब्ध है। एसबीआइ की तरफ से बुधवार को जारी एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक नकदी की मांग और आपूर्ति में 70 हजार करोड़ रुपये का अंतर है, जिसकी वजह से किल्लत बनी हुई है। इसके मुताबिक चालू कीमतों पर आधारित जीडीपी की वृद्धि दर के मुताबिक ही देश में करेंसी की संख्या में बढ़ोतरी होनी चाहिए। इस हिसाब से मार्च, 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 19.4 लाख करोड़ रुपये की नकदी होनी चाहिए थी, लेकिन यह 17.5 लाख करोड़ रुपये ही है। इस तरह नकदी की उपलब्धता में 1.9 लाख करोड़ रुपये की कमी है। इस कमी में से 1.2 लाख करोड़ रुपये की भरपाई डिजिटल भुगतान से हुई है, जबकि 70 हजार करोड़ रुपये की कमी बनी हुई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि करेंसी की छपाई और अर्थव्यवस्था की वृद्धि में तालमेल न होने संबंधी दलील बेबुनियाद है। इस बीच देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी ने कहा है कि उसके किसी भी एटीएम में नकदी की समस्या नहीं है। बैंक के 9,679 एटीएम में से 90 फीसद एटीएम में पर्याप्त नकदी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button