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आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज का संत महापुरूषों ने किया स्वागत

-विश्व का मार्गदर्शन कर रही सनातन संस्कृतिः स्वामी बालकानंद गिरी

हरिद्वार। पेशवाई की तैयारियों के सिलसिले में एसएमजेएन कालेज स्थित छावनी पहुंचे आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज, निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज, श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि हर्ष जताते हुए बताया कि पेशवाई की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पेशवाई अदभूत व दिव्य होगी। सनातन संस्कृति की झलक व संत महापुरूषों का आशीर्वाद श्रद्धालुओं को प्राप्त होगा। भारतीय सनातन संस्कृति व परंपरांओं प्रचार पं्रसाार संत महापुरूषों द्वारा विश्व भर में किया जा रहा है। विदेशी श्रद्धालु भी भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसएमजेएन से निकलने वाली पेशवाई अवश्य ही दिव्य व भव्य रूप से संपन्न होगी। आचार्य महाण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि आदि अनादि काल से सनातन संस्कृति विश्व का मार्गदर्शन कर रही है। धर्मनगरी में आयोजित होने वाला कुंभ मेला अवश्य ही विश्व को हिंदू संस्कृति का अवलोकन कराएगा। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज विश्व पटल पर सनातन संस्कृति को दर्शाने का काम कर रहे हैं। संत की वाणी श्रद्धालु भक्तों को प्रभावित करने वाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला संस्कृति का पर्व है। उल्लास व उत्साह के साथ सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपनी संस्कृति को समाज के समक्ष प्रस्तुत करें। निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि हरिद्वार के गंगा तट पर होने वाला कुंभ मेला पूरे विश्व को अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करेगा। उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान निकलने वाली निंरजनी व आनन्द अखाड़े की पेशवाई ऐतिहासिक होगी। इस दौरान श्रीमहंत भैरोगिरी, श्रीमहंत गिरजानंद सरस्वती, श्रीमहंत गंगा गिरी, महंत शंकरानंद सरस्वती, श्रीमहंत सागरानंद सरस्वती, महंत कालूगिरी, गज्जू महाराज आदि सहित अनेक संतजन मौजूद रहे।

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