Uttarakhand

ऋण प्रबन्धन को सशक्त करने हेतु भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार एवं विश्व बैंक के बीच लोन एग्रीमैन्ट हस्ताक्षरित

देहरादून। आर्थिक रूपरेखा, राजकोषीय नीति, ऋण प्रबन्धन को सशक्त करने हेतु भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार एवं विश्व बैंक के मध्य 25 जून को दिल्ली में लोन एग्रीमैन्ट हस्ताक्षरित किया गया। राज्य में वित्तीय प्रबन्धन सशक्तिकरण, वित्तीय अनुशासन, शहरी स्थानीय निकायों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य के साथ उत्तराखण्ड लोक वित्तीय प्रबन्धन सुदृढ़ीकरण परियोजना (यू.के.पी.एफ.एम.एस.) को राज्य में क्रियान्वित करने के लिये 31.58 मिलियन डाॅलर का ऋण हस्ताक्षरित हुआ है। इस परियोजना की अवधि 05 वर्ष की है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा काफी पहले ही इस परियोजना का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया था। सम्पूर्ण भारत में लोक वित्तीय प्रबन्धन हेतु विश्व बैंक के सहयोग से कुछ ही राज्यों में यह परियोजना चल रही है जैसे छत्तीसगढ़, हिमांचल प्रदेश, असम, राजस्थान और उत्तराखण्ड इनमें से एक है। लोन एग्रीमेन्ट हस्ताक्षरित करने के दौरान समीर कुमार खरे, अपर सचिव, आर्थिक मंत्रालय, भारत सरकार, सविन बंसल, अपर सचिव, वित्त, उत्तराखण्ड एवं विश्व बैंक की ओर से शंकर लाल, कार्यकारी कंट्री डायरेक्टर, विश्व बैंक के बीच यह एग्रीमेन्ट दिल्ली में हस्ताक्षरित हुआ। दीर्घकालिक उद्देश्यों एवं सुधारों हेतु क्रियान्वित किये जाने के दृष्टिगत वित्त विभाग के अन्तर्गत वर्तमान में स्थापित सेण्टर फाॅर टेªनिंग रिसर्च एण्ड फाइनेंसियल एडमिनिस्ट्रेशन के अनतर्गत ‘‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट’’ को स्थापित किया गया है। इस परियोजा के उप-परियोजना निदेशक सविन बंसल, अपर सचिव, वित्त विभाग, उत्तराखण्ड हैं तथा वित्त नियंत्रक मनमोहन मैनाली हैं।

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