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सतत विकास लक्ष्य-सूचकांक में राज्य को शीर्ष पर पहुँचाने का लिया संकल्प 

-शिक्षकों को स्कूलों में जाने की अनुमति मिली
-वर्चुअल क्लासरूम नेटवर्क से जुड़ने वाले स्कूलों की संख्या में इजाफा
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य को सतत विकास लक्ष्य-सूचकांक में शीर्ष स्थान दिलाने का संकल्प लिया है। गौरतलब है कि उत्तराखंड नीति आयोग के हालिया मूल्यांकन में स्कूली शिक्षा श्रेणी में सुधार करते हुए उत्तराखंड ने  चैथा स्थान हासिल किया है। इससे राज्य सरकार काफी उत्साहित है। निर्धारित लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उत्तराखंड  सरकार ने  शिक्षकों को स्कूलों में जाने की अनुमति दे दी है। स्कूली शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, उत्तराखंड, देहरादून स्थित स्टूडियो से जिला शिक्षा अधिकारियों, ब्लॉक और उप-शिक्षा अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की।
विगत कुछ वर्षों में और लॉकडाउन के दौरान हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए पांडेय ने वर्चुअल क्लासरूम नेटवर्क में और 100 स्कूलों को जोड़ दिया है।  उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में प्रदेश को शीर्ष स्थान पर ले जाने का भी संकल्प लिया है, “हम स्कूली शिक्षा वर्ग में नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्यों के सूचकांक में देश में 19 वें स्थान से उत्तराखंड को शीर्ष स्थान पर ले जाने के लिए दृढ़-संकल्प हैं। हम उपलब्धि हासिल करने के लिए और अधिक प्रगतिशील कदम उठाएंगे। सरकार ने 500 सरकारी स्कूलों के अलावा 100 और स्कूलों में वर्चुअल कक्षाएँ स्थापित कर रहे हैं, जिनमें स्मार्ट क्लासरूम नेटवर्क है। हम छात्रों, शिक्षकों और उनके अभिभावकों सहित सभी हितधारकों की भागीदारी और सहयोग सुनिश्चित कर रहे हैं। हमने अब तक जो प्रगति की है, वह इन सभी तत्वों की मदद से है और हमें भविष्य में भी उनका समर्थन मिलने की उम्मीद है।
पांडेय ने शिक्षकों को स्कूल जाने की अनुमति देने और स्कूल भवनों के नवीनीकरण की भी घोषणा की, ताकि उन्हें और अधिक छात्रों के अनुकूल बनाया जा सके। मंत्री महोदय ने बताया,  “कोविड -19 प्रेरित लॉकडाउन के कारण पिछले डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं। लेकिन उचित ध्यान रखते हुए, हम अब शिक्षकों को स्कूल जाने और वर्चुअल शिक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने की अनुमति दे रहे हैं। वर्चुअल  शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है य क्योंकि हम छात्रों के जीवन को अत्यंत महत्व देते रहे हैं।  हम छात्रों और शिक्षकों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए सभी कदम उठा रहे हैं।  वर्चुअल  कक्षा को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, शिक्षक स्कूलों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार छात्रों को स्कूल में सुरक्षित और सहज महसूस कराने के लिए छात्र अनुकूल माहौल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।  “हमने स्कूल की इमारतों को उनकी पेंटिंग और नवीनीकरण के द्वारा नूतन रूप देने का निर्णय लिया है।  छात्रों को एक ऐसा माहौल देना महत्वपूर्ण है, जहाँ वे निकट भविष्य में जब भी स्कूल खुलते हैं, तो वे स्कूलों में वापस आने का मन बना सकें।  सीमा जौनसारी, निदेशक, स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी),उत्तराखंड सरकार ने कहा कि सरकारी मशीनरी हर किसी को वर्चुअल क्लासरूम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए साथ में लाने की कोशिश कर रही है। “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वर्चुअल कक्षा के प्रयास अधिक-से-अधिक घरों और छात्रों तक पहुँचें। वर्चुअल बैठक में स्कूली शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय , आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, स्कूल शिक्षा, सीमा जौनसारी, निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के साथ-साथ राज्य भर के विभिन्न क्षेत्र स्तर के शिक्षा अधिकारी शामिल हुए।

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