राज्यसभा चुनाव से पहले अपने विधायकों के त्यागपत्र से परेशान गुजरात कांग्रेस ने अपने कई विधायकों को रिसॉर्ट में भेजा
अहमदाबाद। 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले अपने विधायकों के त्यागपत्र से परेशान कांग्रेस ने कई विधायकों को रिसॉर्ट में भेज दिया है, ताकि उनको प्रलोभन से बचाया जा सके। कांग्रेस एक रणनीति के तहत विधायकों को जोन वार अलग-अलग समूहों में रख रही है। पार्टी के दोनों प्रत्याशियों शक्तिसिंह गोहिल व भरतसिंह सोलंकी में यह भी होड़ लगी है कि पहले उनकी जीत तय हो। हालांकि वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया का दावा है कि पार्टी के दोनों प्रत्याशी जीत जाएंगे।
भाजपा उम्मीदवार जीत के प्रति निश्चिंत गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा के दोनों प्रत्याशी अभय भारद्वाज और रमीला व्यारा जीत के प्रति निश्चिंत हैं। भाजपा ने तीसरे प्रयाशी के रूप में पूर्व उप मुख्यमंत्री नरहरि अमीन को मैदान में लाकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। अमीन 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।
भाजपा पर बोला हमला पूर्व उप मुख्यमंत्री नरहरि अमीन का दावा है कि कांग्रेस के कई पाटीदार विधायक उनके समर्थन में मतदान करेंगे जबकि कांग्रेस के ही पाटीदार विधायक ललित कगथरा, ललित वसोया भाजपा पर हमलावर हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि गुजरात की साढ़े छह करोड़ जनता को कोरोना से बचाने के बजाय भाजपा सरकार राज्यसभा प्रत्याशी को जिताने में जुटी हुई है। कगथरा का यह भी कहना है कि कांग्रेस के विधायकों को भाजपा नामक वायरस खा रहा है।
अंदरूनी खींचतान भी शुरू अर्जुन मोढवाडिया का दावा है कि भारतीय ट्राइबल पार्टी आदिवासियों के मुद्दे पर भाजपा के विरोध में है। उनके दो विधायक व अन्य के समर्थन से कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी चुनाव जीत जाएंगे। उधर खबर है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री भरतसिंह सोलंकी अपनी अपनी जीत तय करने में जुटे हैं, जिससे कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई है।
गोहिल पर जताया भरोसा राजनीतिक जानकार पूर्व मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी के चलते उनके पुत्र भरतसिंह का पलड़ा भारी मान रहे हैं लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने गोहिल को प्रथम उम्मीदवार बनाया है। इसलिए विधायकों को पहले उनकी जीत तय करनी होगी। बीते शुक्रवार को मोरबी के कांग्रेस विधायक ब्रिजेश मेरजा ने भी पद से इस्तीफा दे दिया था। इस तरह दो दिन में कांग्रेस के कुल तीन विधायकों ने विधानसभा के अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
विधायकों को इसलिए भेजा रिजॉर्ट मौजूदा वक्त में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 65 तक सीमित हो गई है। विधानसभा के चुनाव में राज्य में कांग्रेस के 77 विधायक विजयी हुए थे। लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या 65 पर पहुंच गई है। बीते तीन महीनों में ही कांग्रेस के कुल नौ विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। बताया जाता है कि भाजपा की ओर से नरहरि अमीन को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद से ही कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि इसी खतरे को देखते हुए कांग्रेस ने अपने विधायकों को रिजॉर्ट भेजने का फैसला किया है।