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राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में ब्रिडकुल का योगदान महत्वपूर्ण: महाराज

देहरादून। उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद से इस राज्य में अवस्थापना गतिविधियां निरंतर चल रही हैं। इसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में ऑल वेदर रोड, एनसीआर से डबल लेन कनेक्टिविटी, केदार घाटी का विकास, बद्रीनाथ में विकास कार्य जैसी विभिन्न परियोजनाएं के साथ-साथ नदी घाटों का विकास आदि कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
उक्त बात प्रदेश के लोकनिर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने ब्रिडकुल की स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को एक स्थानीय होटल में आयोजित सेमीनार में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए कही।
     लोकनिर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि ब्रिडकुल आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रिजकुल की स्थापना वर्ष 2008 में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए की गई थी। यह निगम राज्य को अधोसंरचना विकास में सहयोग कर निरंतर आगे बढ़ रहा है। ब्रिडकुल द्वारा आयोजित  इस सम्मेलन का विषय “Construction Practices in Himalayan Region (Save Himalaya, Himalaya will save us)” है जो कि इस राज्य के विकास के लिए नितांत आवश्यक है।
      सतपाल महाराज ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि हम सभी को इस बात का  ध्यान रखना चाहिए कि उत्तराखंड के जल, जंगल और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास में कैसे नई तकनीक का समावेश कैसे किया जा सकता है।
      उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद से राज्य में अवस्थापना गतिविधियां निरंतर चल रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में ऑल वेदर रोड, एनसीआर से डबल लेन कनेक्टिविटी, केदार घाटी का विकास, बद्रीनाथ में विकास कार्य जैसी विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा नदी घाटों का विकास आदि कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर भी लगातार काम चल रहा है।
      लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि हाल ही में प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन किया गया, जिसमें राज्य सरकार के साथ विभिन्न क्षेत्रों के एमओयू किये गये।  आने वाले समय में पूरे राज्य में सड़क, पुल, केबल कार आदि बुनियादी ढांचे का विकास किया जा सकेगा और भविष्य में रोजगार सृजन में वृद्धि होगी। संदेह नहीं है कि बुनियादी ढांचे के काम से इस राज्य का विकास संभव होगा और राज्य का सामाजिक और आर्थिक उत्थान होगा।
      उन्होंने कहा कि आज के सम्मेलन का विषय -Construction Practices in Himalayan Region (Save Himalaya, Himalaya will save us)”.इस राज्य के लिए सर्वथा उपयुक्त है। यदि प्रकृति प्रदत्त संसाधनों में बिना किसी स्वाभाविक हस्तक्षेप के विकास कार्य किया जाए तो संयुक्त राष्ट्र द्वारा दर्शाए गए सतत विकास के 17 लक्ष्यों का पालन अवश्य होगा।
      उन्होंने कहा कि ब्रिडकुल के इस सम्मेलन का उद्देश्य हिमालयी क्षेत्रों में हो रहे निर्माण कार्यों से जुड़े इंजीनियरों और प्रबंधकों के साथ वैज्ञानिक ज्ञान, अनुभव और विभिन्न शोधों के परिणामों को साझा करना है। आईआईटी रूड़की, सीबीआरआई और अनुभवी इंजीनियरों, उद्योग, ठेकेदार और सलाहकारों को इस सेमिनार में शामिल करना उचित कदम है।
      सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा कनेक्टिविटी के लिए योजनाबद्ध तरीके से विभिन्न सड़कों, पुलों, रोपवे और ढांचागत भवनों के निर्माण के भी प्रयास किए जा रहे हैं।  प्रदेश में रोपवे निर्माण की अपार संभावनाएं हैं और ब्रिडकुल इसमें नोडल एजेंसी के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
      इस अवसर पर लोनिवि सचिव पंकज पांडेय, ब्रिडकुल के एमडी  डी.के. यादव, आई.ई.आई.यूकेएसएल के अध्यक्ष डा. सतेन्द्र मित्तल सहित ब्रिडकुल के अनेक अधिकारी उपस्थित थे।

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