भाजपा पर राहुल का हमला, कहा- देश थका है उसे हम रास्ता दिखाएंगे
राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहले कांग्रेस महाधिवेशन की शुरुआत शनिवार को औपचारिक तौर पर की गयी। महाधिवेशन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा महाधिवेशन में सबका दिल से स्वागत है। इसके बाद सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, अमरिंदर सिंह, सिद्धरमैया जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं के नामों के उल्लेख के साथ भाजपा की निंदा भी की। पार्टी के वरिष्ठों को श्रेय देते हुए उन्होंने कहा, ‘हम युवाओं और वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे। यदि कांग्रेस के युवा इस लड़ाई को लड़ेंगे तो सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, चिदंबरम और सिद्धरमैया जैसे अनुभवी नेता हमें सही मार्ग दिखाएंगे और मेरा काम है इन दोनों के बीच संतुलन बनाना।‘ वंदे मातरम और राष्ट्र गान के साथ शुरू हुए इस सत्र में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ तमाम कांग्रेस नेता मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि अधिवेशन में 2019 पर मंथन होगा।
देश को बांटने की हो रही है कोशिश
उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश में गुस्सा फैलाया जा रहा है, देश को बांटने की कोशिश की जा रही है, एक दूसरे को लड़ाया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस के चुनाव निशान हाथ के पंजे की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम हाथ के इस निशान से देश को जोड़ने का काम करेंगे।‘ कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, देश थका हुआ है यह आगे का रास्ता तलाश रहा है। आज देश को कांग्रेस ही राह दिखा सकती है। अपने भाषण के अंत में उन्होंने फिर से भाजपा सरकार पर तंज कसा और बोले कि वो गुस्सा बांटते हैं और हम प्यार बांटते हैं।
भाजपा के खिलाफ 5 बुकलेट जारी
इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में चल रहे महाधिवेशन में कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ 5 बुकलेट जारी की और शिक्षा, रोजगार, अर्थव्यवस्था व सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने नोटबंदी जीएसटी और पीएनबी मामले पर सरकार पर निशाना साधा है।इस अधिवेशन में मोदी की विजय रथ रोकने की रणनीति पर मंथन होगा। अधिेवेशन में पांच प्रस्ताव पेश किए जाएंगे जिसमें इवीएम से चुनाव और निष्पक्षता के लिए बैलट पेपर से चुनाव कराने का प्रस्ताव भी शामिल किया जाएगा।
वापसी का रोडमैप
सूत्रों के अनुसार, इसके जरिए पार्टी अपनी वापसी का रोडमैप तैयार करने वाली है। इसमें एक तरफ पार्टी जहां जमीन से जुड़े अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं की तलाश करेगी वहीं उनको बोलने का मौका भी देगी। इसके अलावा इस दौरान पार्टी में बदलाव को लेकर आए प्रस्तावों पर भी मंथन होगा और इस पर आगे बढ़ा जाएगा। यह सब कवायद पार्टी को दोबारा मजबूती से खड़ा करने के लिए की जा रही है।
हालांकि पार्टी की फिलहाल जो हालत है उसको देखते हुए वह गठबंधन की राजनीति से बाहर नहीं आना चाहती है। यही वजह है कि वह गठबंधन की राजनीति के सहारे भाजपा नीत राजग को चुनौती देने की ताल भी ठोंकेगी। इस सत्र में पार्टी का पूरा फोकस जमीनी नेता और कार्यकर्ता पर ही होगा। राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद यह पहला महाधिवेशन है। सत्र के पहले और दूसरे दिन 17-18 मार्च को दो-दो प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। इस सत्र में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार का विरोध और इसके मुद्दे भी इस रोडमैप का हिस्सा होंगे।