राहुल गांधी ने वर्चुअल रूप से जनसभा को किया संबोधित
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ए0आई0सी0सी0 दिल्ली।। राहुल गांधी ने वर्चुअल रूप से जनसभा को संबोधित करते हुए कहा देश में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। एक तरफ आरएसएस, बीजेपी की विचारधारा और दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी की विचारधारा। पार्टियां बहुत हैं, विपक्ष में पार्टियां हैं, मगर विचारधारा की जो लड़ाई हो रही है, वो बीजेपी और आरएसएस व कांग्रेस की विचारधारा के बीच में लड़ाई हो रही है। कांग्रेस की विचारधारा, कॉन्स्टिट्यूशन की विचारधारा, देश को जोड़ने की विचारधारा, सबको एक साथ लेने की विचारधारा, जो हमारा अनइक्वुअल सोशल सिस्टम है, उसके खिलाफ लड़ने की विचारधारा कांग्रेस की है। आरएसएस और बीजेपी चाहते हैं कि कुछ चुने हुए लोग इस देश को चलाएं, पूरा का पूरा धन उन चुने हुए लोगों के हाथों में हो, सारे के सारे इंस्टिट्यूशंस उन्हीं लोगों के कंट्रोल में रहें, चाहे वो ज्यूडिशरी हो, चाहे वो ब्यूरोक्रसी हो,….. चाहे वो आर्मी हो, इलेक्शन कमीशन हो, स्कूल और कॉलेज्स हों, आरएसएस चाहती है कि ये सारे के सारे उन्हीं के कंट्रोल में रहें।
हम चाहते हैं कि ये जो हमारे इंस्टिट्यूशंस हैं, ये जो हमारा देश है, ये सबका है, हर जाति का है, हर धर्म का है और सब लोगों को इस देश में रक्षा मिलनी चाहिए, एकता होनी चाहिए, भाईचारा होना चाहिए, ये लड़ाई है।
आपने देखा मणिपुर में क्या हुआ और क्या हो रहा है और आपको आश्चर्य होगा कि प्रधानमंत्री जी ने मणिपुर के बारे में एक शब्द नहीं कहा। आपको लगा होगा कि देश के प्रधानमंत्री, जब देश का एक प्रदेश जल रहा है, तो देश का प्रधानमंत्री कुछ न कुछ तो कहेगा। आपमें से बहुत सारे लोगों को लगा होगा कि देश का प्रधानमंत्री हवाई जहाज में जाकर इम्फाल में, कम से कम इम्फाल में लोगों से बात करेंगे। पिछले कोई भी प्रधानमंत्री होते, कांग्रेस के प्रधानमंत्री तो वहीं बैठ जाते, मगर आपको आश्चर्य होगा कि हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी मणिपुर क्यों नहीं जा रहे हैं? मणिपुर के बारे में बोल क्यों नहीं रहे हैं? क्योंकि नरेन्द्र मोदी जी चुने हुए लोगों के प्रधानमंत्री हैं, आरएसएस के प्रधानमंत्री हैं, उनको मणिपुर से कोई लेना-देना नहीं हैं।
वो जानते हैं कि उनकी विचारधारा ने मणिपुर को जलाया है, मगर जो मणिपुर का दु:ख है, दर्द है, जो महिलाओं को चोट पहुंची है, इससे नरेन्द्र मोदी जी को कोई फर्क नहीं पड़ता और मैं आपको गारण्टी देकर कह सकता हूं कि मणिपुर से प्रधानमंत्री के दिल में दर्द नहीं हुआ, वही मणिुपर की स्थिति से इस मीटिंग में बैठे हमारे हर कार्यकर्ता के दिल में दर्द हुआ है।
हर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता को लग रहा है कि हमारे देश में लोगों को चोट लग रही है, लोगों को दुख हो रहा है। हमें उनके साथ खड़े होना चाहिए, मणिपुर में जाकर खड़े होना चाहिए। अगर मणिपुर में नहीं जा सके, तो जहाँ हम खड़े हैं, हमारे दिल में जो दर्द है, जो हमारी भावना है उनके लिए, तो मेरा कहना, ये फर्क है। वो सिर्फ सत्ता चाहते हैं और सत्ता के लिए वो कुछ भी कर देंगे मणिपुर को जला देंगे, बाकी देश को जला देंगे। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, सारे देश को जला देंगे, क्योंकि इनको सिर्फ सत्ता चाहिए और कुछ नहीं चाहिए। इनको देश के दर्द से कुछ फर्क नहीं पड़ता, दुख से कोई फर्क नहीं पड़ता, इनको सिर्फ सत्ता चाहिए और ये लड़ाई है। एक तरफ आप बैठे हैं, आप कांग्रेस पार्टी के भविष्य हैं, आपके दिल में देश प्रेम है। जब देश को चोट लगती है, कहीं भी हो, मणिपुर में हो, तमिलनाडु में हो, जम्मू-कश्मीर में हो, उत्तर प्रदेश में हो, कहीं भी हो, जब देश को चोट लगती है, देश के किसी नागरिक को चोट लगती हो, चाहे वो हिंदू हो, मुसलमान हो, सिख हो, ईसाई हो, तमिल बोलता हो, बंगाली बोलता है, आपके दिल में चोट लगेगी एकदम। आप उदास होंगे, आपको पता भी नहीं लगेगा मूड़ क्यों खराब हो गया। मगर उनके दिल में ऐसी कोई बात नहीं है।
आरएसएस के लोगों को, बीजेपी के लोगों को कोई दर्द नहीं हो रहा है, कोई दुख नहीं है उनके दिल में। क्योंकि हिंदुस्तान को बांटने का काम ये लोग करते हैं और सदियों से करते आ रहे हैं। तो ये आपकी लड़ाई है और रास्ता भी बिल्कुल क्लियर है।
भारत जोड़ो यात्रा ने दिखाया, जनता के बीच में जाइए, जनता से गले लगिए, थोड़ा कष्ट उठाइए, थोड़ा दर्द सहिए और अगर आप ये काम करेंगे, तो आप आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी के नेता बनेंगे। अगर आपके दिल में दर्द नहीं है, तो आप कांग्रेस पार्टी के नेता नहीं बन सकते। जो मणिपुर को चोट लगी है और आपको चोट नहीं लगी, तो आप कांग्रेस पार्टी के नेता नहीं बन सकते। अगर किसी महिला का बलात्कार होता है और आपके दिल में दर्द नहीं होता, तो आप कांग्रेस पार्टी के नेता नहीं बन सकते। तो जो आपके दिल में जो दर्द होता है, उसका कारण आपकी देशभक्ति है कि आप अपने देश से प्यार करते हैं। तो अगर आप अपने देश से प्यार करते हैं, तो आपको अपने देश से जुड़ना भी पड़ेगा। जुड़ोगे कैसे, जनता के बीच में जाकर, उनकी कठिनाइयों को समझ कर, उनके बीच में रहकर और एक-दूसरे से प्यार और मोहब्बत से बर्ताव करके। भारत जोड़ो यात्रा में बहुत अच्छा नारा निकला – नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है। ये भी आपका काम है, और कुछ बोलने की जरुरत नहीं है।
मणिपुर में इन्होंने नफरत के बाजार खोल लिए, चलिए हम जाकर मोहब्बत की दुकान खोलते हैं। जहाँ भी ये नफरत फैलाते हैं, वहाँ जाकर आप मोहब्बत की दुकान खोलिए और देखिए, मजे की बात देखिए, अपोजीशन अलायंस ने बहुत सुंदर नाम चुना, जो हमारे दिल से निकला, इंडिया। हम इंडिया हैं और जैसे ही हमने नाम दिया, उसी इंडिया को नरेंद्र मोदी जी ने गाली देनी शुरु कर दी, उन्होंने ये भी नहीं सोचा कि मैं इस पवित्र शब्द हिंदुस्तान को गाली दे रहा हूं। इतना घमंड है, इतना अहंकार है, तो आप जाइए, मोहब्बत की दुकानें खोलिए और सिर्फ जनता के बीच में नहीं, सिर्फ मणिपुर में नहीं, अपने घर में, भाई के साथ, बहन के साथ, माता-पिता के साथ, अपने कलीग के साथ, यूथ कांग्रेस की टीम के साथ आप मोहब्बत फैलाइए, उनको नफरत फैलाने दीजिए। मुश्किल समय है, बीजेपी की सरकार है, आप पर आक्रमण करते हैं, डरो मत, खड़े हो जाइए, पीछे मत हटो।
मैं आप सबको कांग्रेस पार्टी की विचारधारा की रक्षा करने के लिए बधाई देता हूं और जो आपकी अगली मीटिंग होगी, उसमें मैं आपको जूम से नहीं, मगर वहाँ आकर आपसे बातचीत करुंगा।