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राहुल गांधी के दौरे को लेकर राज्य कांग्रेस की बैठक अब होगी सात अगस्त को- धीरेंद्र प्रताप
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि कांग्रेसके शीर्ष नेता राहुल गांधी के आगामी उत्तराखंड के दौरे को लेकर आयोजित 6 अगस्त की बैठक अब आगे बढ़ाकर 7 अगस्त कर दी गई है।
धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि बैठक की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा करेगे। पार्टी ने इस बैठक के लिए पार्टी के तमाम शीर्ष नेताओं को देहरादून आने का न्योता भेजा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ,नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ,छत्तीसगढ़ में हाल ही में नियुक्त किए गए वरिष्ठ पर्यवेक्षक और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह , पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत राज्य विधानसभा में चुनाव लड़े चीते और हारे उम्मीदवारो समेत पूर्व विधायकों पूर्व सांसदों को भी इस बैठक में बुलाया गया है। बाकि इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और तमाम जिम्मेदार नेता, फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारी इस बैठक में भाग लेंगे।
धीरेंद्र प्रताप ने इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह को छत्तीसगढ़ में पार्टी का वरिष्ठ पर्यवेक्षक और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल को राजस्थान में स्क्रीनिंग कमेटी का सदस्य बनाए जाने पर आलाकमान का आभार व्यक्त किया है और दोनों नेताओं को भी नई जिम्मेदारी मिलने पर बधाई दी है ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस वक्त संघर्ष में उतरी हुई है और उत्तराखंड के सधे हुए नेताओं को अन्य राज्यों में चुनाव को लड़ाने के लिए युद्ध की कमान संभालने के लिए भेजा जा रहा है।
धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि इस बीच उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी ताकतों ने भी भू कानून को लेकर संघर्ष तेज करने की ठानी है और 9 अगस्त को भारत छोड़ो दिवस पर देहरादून में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा इसके अलावा कांग्रेस भी 9 अगस्त को राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित करेगी और भारत छोड़ो आंदोलन के संघर्ष में लड़ने वाले नेताओं के अलावा त्याग करने वाले नेताओं के योगदान और कांग्रेस की नीति नीति के प्रचार प्रसार के अलावा दिवंगत नेताओं को भी याद किया जाएगा और श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
धीरेंद्र प्रताप ,जो चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक भी हैं ने मुख्यमंत्री को फिर याद दिलाया है विधानसभा के मानसून सत्र में आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण और 10% क्षैतीज आरक्षण पर कोई फैसला ना लिया गया तो वे अनशन करने पर मजबूर होंगे।