राफेल डील मामले में भाजपा को घेरते-घेरते खुद कांग्रेस ही एक अजीब स्थिति में फंसी
नई दिल्ली । राफेल डील मामले में भाजपा को घेरते-घेरते खुद कांग्रेस ही एक अजीब स्थिति में फंसी नजर आ रही है। पार्टी के मुखपत्र माने जाने वाले अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ में रविवार को राफेल को लेकर एक ख़बर प्रकाशित हुई, जिसका शीर्षक था- ‘राफेल- मोदी का बोफोर्स’ (घोटाला)। बस फिर क्या था, लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी। लोगों ने कहा कि राफेल के बहाने ही सही कांग्रेस ने ये तो माना कि बोफोर्स में घोटाला हुआ था। पूर्व कांग्रेस नेता शहजाद जय हिंद ने लिखा- नरेंद्र मोदी पर हमला करने के चक्कर में उन्होंने गरीब और चायवालों को कोसा। फिर उन्होंने सेना को कोसा और अब नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाने के चक्कर में उन्होंने खुद गांधी परिवार पर ही दाग लगा दिया। उन्होंने आगे लिखा कि पीएम मोदी से किसी को कितना गिरा सकती है।वरिष्ठ पत्रकार शिव अरुर ने लिखा- इस शीर्षक लगाने के दो ही मतलब हो सकते हैं, एक तो ये कि बोफोर्स घोटाला था और दूसरा ये कि राफेल घोटाला नहीं है।एक अन्य ट्विटर यूजर अंकित जैन ने लिखा- सोनिया और राहुल गांधी का अखबार बोफोर्स को घोटाला बता रहा है। कुछ ऐसा ही वरिष्ठ पत्रकार सुनील जैन ने भी लिखा है।
जब राफेल डील पर कांग्रेस ने घेरा था गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राफेल डील पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार को घेरा था। यहां तक कि उन्होंने रक्षामंत्री पर भी सदन में झूठ बोलने का आरोप लगाया था। इसके बाद पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए राफेल के मुद्दे को गंभीरता से लेने की नसीहत दी थी। उन्होंने कहा कि ‘बचकानी हरकतों’ की वजह से पहली बार किसी मुद्दे पर दो-दो देशों का सफाई देनी पड़ी।
रक्षा मंत्री ने कहा था- बोफोर्स से तुलना नहीं हो सकती यह भी बता दें कि राफेल मुद्दे पर जब काफी हंगामा हो रहा था तो पत्रकारों से बातचीत करते हुए रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस डील की तुलना बोफोर्स से नहीं की जानी चाहिए। गौरतलब है कि प्रशांत भूषण ने कहा था कि राफेल सौदा मोदी सरकार के लिए बोफोर्स साबित होगा।