Uttarakhand

पूर्व राज्य मंत्री व पीसीसी सदस्य मनीष कुमार नागपाल ने मसूरी  के सीफन कोर्ट मामले में सरकार को आड़े हाथ लिया

देहरादून। पूर्व राज्य मंत्री व पीसीसी सदस्य मनीष कुमार नागपाल ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा  कि राज्य सरकार संवेदनहीन है और कहा की  जिन  उत्तराखण्ड के लोगों की शहादतो पर आज राज्य बना है उन्हीं लोगों को आज प्रताड़ित करने का कार्य यह सरकार कर रही है पर हिटलर शाही की यह सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है बीते दिनों मसूरी  के सीफन कोर्ट में दशकों  से रह रहे 80 से ज्यादा पहाड़ी परिवारों को 10 सितंबर को उजाड़ कर बेघर कर दिया गया था वह भी अफसरों व नेताओं  की जेब भरने और बाहरी लोगों की मौज-मस्ती के लिए बनाए जाने वाले रोपवे के  नाम पर सालों से रह रहे लोगों को बेघर करने का काम इस जनविरोधी सरकार ने किया है हाईकोर्ट की आड़ लेकर इस बस्ती को हटाया गया है जो जनविरोधी है जब इसी हाईकोर्ट ने देहरादून में नदियों के किनारे बस्तियों को तोड़ने का आदेश दिया था तो सरकार ने अपना वोट बैंक बचाने के लिए तुरंत अध्यादेश लेकर आई तो क्या यह इस बस्ती को बचाने के लिए अध्यादेश या  उच्चतम न्यायालय  में अपील नहीं की जा सकती थी अपने सीएम के लिए तो यह सरकार तुरंत उच्चतम न्यायालय की शरण में चली गई परंतु इन 80 परिवारों को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया आज यह लोग खुले आसमान के नीचे अपने परिवारों के साथ जीवन जीने को मजबूर हो रखे हैं इनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है अगर इनको हटाना भी था तो सरकार को इन का पुनर्वास पहले करना चाहिए था परंतु इन गरीबों के ऊपर इस प्रकार का अत्याचार करके यह सरकार सुकून से चल नहीं पाएगी और सरकार का विनाश होगा  । धिक्कार है ऐसे जनप्रतिनिधियों पर जो इनका वोट लेकर सत्ता में बैठे हैं। कांग्रेस इन उजाड़े गए परिवारों के साथ  खड़ी है ।

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