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पंजाब के पैडगैंग के अक्षय कुमार भी मुरीद

जालंधर । पंजाब की दो सहेलियों को बॉलीवुड स्‍टार अक्षय कुमार की फिल्‍म ‘पैडमैन’ इस कदर भा गई कि उन्‍होंने ‘पैडगैंग’ बना लिया। इस पैडगैंग के बारे में अक्षय कुमार को जानकारी मिली तो वह भी इसकी सराहना किए बिना नहीं रह सके। उनके गैंग में लगातार नए सदस्‍य आ रहे हैं और उनका कारवां बढ़ रहा है। अक्षय कुमार ने पैडगैंग जैसी मुहिम को अपनी फिल्‍म की असली कामयाबी बताया है।

जालंधर की दो सहेलियां जाह्नवी सिंह और लावण्‍या जैन को फिल्‍म देखकर गरीब लड़कियों और महिलाओं की समस्‍या का अहसास हुआ और उन्‍होंने घर में सेेनेटरी पैड तैयार कर स्‍लम बस्तियों और गरीब लड़‍कियों में बांटना शुरू किया। इसके बाद तो इस मुहिम में उनके कई दाेस्‍त जुड़ गए।

सेेनेटरी नेपकिन तैयार कर स्‍लम बस्‍तियों की महिलाअों बांटती हैं

बॉलीवुड के ‘पैडमैन’ अक्षय कुमार ने 15 साल की जाह्नवी सिंह और 17 साल की लावण्‍या जैन द्वारा घर पर पैड तैयार कर जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंचाने की मुहिम की सराहना करते हुए ट्वीट भी किया है। दोनों सहेलियों ने फिल्‍म ‘पैडमैन’ को देखा तो उनको गरीब और स्‍लम बस्‍ती की महिलाओं व लड़कियों की हालत का अहसास हुआ। उन्‍हें यह सोचकर बेचैनी हुई कि सेनेटरी पैड के बिना वे लड़कियां किस तरह की शर्मिंदगी और अस्‍वच्‍छता का सामना कर रही हाेंगी। इस वजह से वे बीमारियों के घेरे में आकर कितना परेशान होती होंगी। दोनों ने इस बारे में कुछ करने की ठानी। इसके बाद समर वेकेशन में समय का सदुपयोग करते हुए दोनों ने अपने अन्य दोस्तों संग मिलकर ‘पैड गैंग’ बनाया और करीब पांच हजार पैड बनाकर स्लम एरिया की महिलाओं में बांटे। जालंधर के कूल रोड की जाह्नवी सिंह और न्यू जवाहर नगर का लावण्‍या जैन की ओर से स्लम एरिया व पिछड़े वर्ग में रहने वाली महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में स्वस्थ रखने के लिए बनाए गए पैडगैंग की खबर बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार तक पहुंच गई है।अक्षय कुमार ने पैड गैंग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की खबर पढ़कर फेसबुक व ट्विटर पर जाह्नवी सिंह व लावन्या जैन के काम की जमकर सराहना की। अक्‍की ने अपने वाॅल पर लिखा है, ‘अक्सर लोग मुझसे पूछते हैं कि तुम ‘पैडमैन’, ‘टॉयलेट’ जैसी फिल्में क्यों बनाते हो, जबाव यहां (पैड गैंग के रूप में) है। यही फिल्मों की ताकत है।’

क्लासमेट्स के जरिए अन्य प्रदेशों तक पहुंचेगा पैड गैंग का काम 

जाह्नवी ने बताया कि वह देहरादून के वेलम गर्ल्‍स स्कूल में दसवीं की छात्रा हैं। वहां हॉस्टल में रहती हैं। इस स्कूल में देश के अलग-अलग प्रदेशों से बच्चे आकर पढ़ रहे हैं। जाह्नवी ने कहा कि वह अपने ‘पैडगैंग’ का काम को अन्‍य राज्‍यों तक पहुंचाना चाहती है। अब वह अपने क्लासमेट्स व स्कूल के अन्य स्टूडेंट्स के माध्यम से दूसरे प्रदेशों में भी पिछड़े वर्ग की महिलाओं को स्वास्थ्‍य के प्रति जागरुक करेंगी। जाह्नवी ने कहा कि इसके लिए वह अपने दोस्तों व स्कूल के इच्‍छुक बच्चों को साथ लेकर इस अभियान से जोड़ दूसरे प्रदेशों में भी ‘पैडगैंग’ को पहुंचाएंगी। स्टूडेंट्स को पहले स्कूल में पैड बनाना सिखाया जाएगा। जबकि लावण्य जालंधर में ही जाह्नवी के घर पर उनकी मां रीति सिंह के साथ वर्कशाप में पैड तैयार करवा इस कारवां को आगे बढ़ाएंगी।

ऐसे आया विचार और शुरू हो गई मुहिम

जाह्नवी का कहना है, ‘पैडमैन’ मूवी देखने के बाद मेरे दिल में आया कि समाज के लिए कुछ किया जाए और सबसे पहले मैंने अपनी मां रीति सिंह से बात की। उसके बाद अपनी दोस्त लावण्‍या से बात की। लावण्‍या जालंधर की मायर वर्ल्‍ड स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ती है। तब हम दोनों ने फैसला लिया कि क्यों न हम भी ‘पैडमैन’ की तरह पैड वितरित कर जरूरतमंदों की सहायता करें। इस फैसले को और मजबूती तब मिली जब अपने ही घर पर काम करने वाली महिलाओं से बात करने पर पता चला कि 21वीं सदी में और शहर में रहने के बावजूद वे भी पीरियड्स के समय सेनेटरी पैड की जगह कपड़ा ही इस्तेमाल कर रही हैं।

डॉक्‍टर से ट्रेनिंग लेकर घर पर ही दो रुपये की कीमत से तैयार किए पैड

जाह्नवी व लावण्‍या ने बताया कि जब उन्होंने अपना अभियान शुरू करना था तो उन्होंने शॉप्स पर जाकर सैनेटरी पैड की कीमत के बारे में जाना तो कम से कम कीमत वाला पैड भी 10-12 रुपये में मिल रहा था। इस पर जाह्नवी की मां रीति सिंह ने दोनों को डाॅ. ऋतु नंदा से सलाह लेने को कहा। डाॅ. नंदा ने बताया कि अस्पताल में डिलीवरी के बाद महिलाओं को सिंथैटिक चीजों से दूर रखते हैं और उन्हें स्वयं तैयार किए गए सैनेटरी पैड इस्तेमाल करने को देते हैं। वे बहुत सस्ते भी पड़ते हैं। फिर क्या था, जाह्नवी व लावण्‍या की सोच और जज्‍बे को मानो पंख लग गए। उन्होंने डाॅ. ऋतु नंदा से पैड तैयार करने का प्रशिक्षण लिया और फिर दो रुपये प्रति पैड की लागत से अब तक पांच हजार पैड अपने पैड गैंग के साथ तैयार कर स्लम एरिया की महिलाओं में बांट चुकी हैं।

नैपकिन व पैकेट बनाने में नहीं होता है प्‍लास्टिक का इस्‍तेमाल

उन्‍होंने बताया कि वे सेनेटरी पैड बनाने और उनका पैकेट बनाने में प्‍लास्टिक और पाॅलिथीन का बिल्‍कुल इस्‍तेमाल नहीं करती हैं। वे 10 सेनेटरी नेपकिन का पैक पुराने अखबार के टुकड़े में बनाती हैं और फिर स्‍लम व गरीब लोगों की बस्तियों में बांटती हैं।

गैंग में शामिल हैं लड़के भी

जाह्नवी व लावण्‍या के ‘पैडगैंग’ में अब तक 20 सदस्य जुड़ चुके हैं। दोनों सहेलियां कहती हैं, ‘पीरियड्स’ के विषय को समाज में एक टैबू माना जाता है, लोग इस सामान्य शारीरिक प्रक्रिया पर बात करने में भी शर्मिंदगी महसूस करते हैं। इस सोच को बदलने के लिए इस गैंग ने ‘स्टॉप द स्पोट’ कैंपेन के अंतर्गत लोगों को जागरुक करने के साथ-साथ लड़कों को भी इस अभियान में शामिल किया है। जाह्नवी व लावण्‍या के अलावा इस गैंग में त्रिनभ जैन, अहाना अग्रवाल, अरिश अग्रवाल, ऋषिका अग्रवाल, भाविक जैन, साहिल धीर, रीत अरोड़ा, जैसमीन अरोड़ा, तारिनी गुप्ता, ख्याति वालिया, छाया सिंह, जॉय सिंह, निशिका अबरोल, सिम्मन नैय्यर, प्रीमबिका बेरी, तानिश बेरी शामिल हैं।

सोशल मीडिया पर वाहवाही

जाह्नवी व लावण्‍या की सोशल मीडिया पर खूब वाहवाही हो रही है। उनके इस काम को अक्षय कुमार की ‘पैडमैन’ वाली फोटो के साथ जोड़कर खूब शेयर भी किया जा रहा है। वायरल हुई इन फोटो में इस प्रोजेक्ट को खूब सराहा जा रहा है।

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