पुलवामा आतंकी हमलाः दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के संवेदना और समर्थन संदेश के लिये मैं उनका दिल से आभरी हूंः-नरेन्द्र मोदी
सियोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण कोरिया की यात्रा पर हैं। सियोल के ब्लू हाउस में पीएम मोदी का दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून-जे-इन और फर्स्ट लेडी किम जंग सूक ने स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने युद्ध में मारे गए एक लाख 65 हजार कोरियाई सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा, ‘मैंने अनुभव किया है कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और कोरिया की नई दक्षिणी नीति का तालमेल हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने का मंच प्रदान कर रहा है।’ बता दें कि दक्षिण कोरिया में पीएम मोदी को शांति पुरस्कार दिया जा रहा है। मोदी सियोल शांति पुरस्कार पाने वाले 14वें व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं जब प्रधानमंत्री नहीं बना था, तब से यह बात कहता आ रहा हूं कि भारत के विकास के लिए कोरिया का मॉडल शायद सबसे अनुकरणीय हैं। कोरिया की प्रगति भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इसलिए कोरिया की यात्रा करना मेरे लिए प्रसन्नता का विषय होता है। पिछले दिनों पुलवामा में हुआ आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति मून के संवेदना और समर्थन भरे संदेश के लिए मैं दिल से उनका आभार प्रदान करता हूं।’
पीएम मोदी ने कहा कि इंडो-पैसिफिक के संबंध में भारत का विजन समावेशिता, आसियान की केन्द्रीयता और साझी समृद्धि पर विशेष जोर देता है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद, राष्ट्रपति मून के संवेदना और समर्थन के संदेश के लिए हम उनके आभारी हैं। हम आतंकवाद के खिलाफ अपने द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वय को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज भारत के गृह मंत्रालय और कोरिया की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के बीच संपन्न हुआ एमओयू हमारे आतंकवाद विरोधी सहयोग को और आगे बढ़ाएगा। अब समय आ गया है कि वैश्विक समुदाय भी बातों से आगे बढ़ कर, इस समस्या के विरोध में एकजुट हो कर कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि हमारी बढ़ती साझेदारी में रक्षा क्षेत्र की अहम भूमिका है। इसका उदहारण भारतीय थल सेना में के-9 ‘वज्र’ आर्टिलरी गन के शामिल होने में देखा जा सकता है। रक्षा उत्पादन में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए हमने रक्षा तकनीक और सह-निर्माण पर एक रोडमैप बनाने के लिए भी सहमति की है। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अयोध्या में आयोजित ‘दीपोत्सव’ महोत्सव में प्रथम महिला किम की मुख्य अतिथि के रूप में भागीदारी हमारे लिए सम्मान का विषय था। उनकी यात्रा से हज़ारों वर्षों के हमारे सांस्कृतिक संबंधों पर एक नया प्रकाश पड़ा, और नई पीढ़ी में उत्सुकता और जागरूकता का वातावरण बना। आज दोपहर सियोल शांति पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान का विषय होगा। मैं यह सम्मान अपनी निजी उपलब्धियों के तौर पर नहीं, बल्कि भारत की जनता के लिए कोरियाई जनता की सद्भावना और स्नेह के प्रतीक के तौर पर स्वीकार करूंगा।
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