Uttarakhand
पुलिस ने दो बदमाशों को 6.49 लाख के नकली नोट के साथ किया गिरफ्तार
देहरादून। नकली नोट छापने की चलती-फिरती मशीन बना चुके गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। दोनों के पास से 6.49 लाख के नकली नोट बरामद किए गए हैं। बुधवार को गिरोह के सरगना को रुड़की में नकली नोटों की डिलीवरी देनी थी, लेकिन उसके बेटे का एक्सीडेंट होने के कारण दोनों देहरादून में नकली नोट खपाने की नीयत से पहुंच गए और चेकिंग के दौरान क्लेमेनटाउन के पोस्ट ऑफिस तिराहे के पास से पकड़े गए। दोनों के पास से दो लैपटॉप, एक कलर प्रिंटर, नकली नोट छापने में प्रयुक्त होने वाला पेपर और एक नाइन एमएम की पिस्टल और चार जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं।
अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों की पहचान राजेश गौतम निवासी डी-540 हर्ष विहार पूर्वी दिल्ली हाल निवासी मकान नंबर जी-4 बिल्डिंग नंबर बी-83 ओएलएफ कॉलोनी गाजियाबाद व विक्रांत चैहान निवासी गोल मार्केट हापुड़ उप्र हाल निवासी संत विहार जीएमएस रोड इंजीनियर्स एनक्लेव वसंत विहार देहरादून के रूप में हुई है, जबकि गिरोह का सरगना संजय शर्मा निवासी 105ध्9 मकतूलपुरी रुड़की अभी फरार है। राजेश और विक्रांत नकली नोट छापने की चलती-फिरती मशीन हैं। दोनों का कोई स्थायी ठिकाना नहीं, दोनों होटल, धर्मशाला या अपने घरों में बैठकर नकली नोट छापते हैं और उन्हें मार्केट में खपाने का काम इन दोनों के अलावा सबसे अधिक संजय शर्मा ही करता है। बुधवार को साढ़े छह लाख रुपये के नकली नोट लेकर संजय शर्मा को देने रुड़की जा रहे थे, लेकिन पिछले दिनों उसके बेटे का एक्सीडेंट हो गया और वह उसे लेकर इस समय चंडीगढ़ में है। ऐसे में दोनों ने खुद ही कुछ नकली नोट चलाने की सोची और इसी कोशिश में वह शहर में घूम रहे थे। राजेश और विक्रांत ने पूछताछ में बताया कि असली नोट को स्कैनर से स्कैन कर कलर प्रिंटर में रंगों का तालमेल बिठाकर उसका प्रिंट निकालते। हूबहू असली जैसा दिखने वाला नोट तैयार करने में हफ्तों लग गए। तार और रोशनी में चमकने वाले हिस्से को तैयार करने में बच्चों की मैजिक पेंसिल का प्रयोग करते थे। नोट छापने के लिए 65 ग्राम क्रीम कलर पेपर का उपयोग करते थे। दोनों ने बताया कि पांच सौ और दो हजार रुपये के एक नोट तैयार करने में 40 से 50 रुपये का खर्चा आता था।