Uttarakhand

पुलिस मुख्यालय स्तर पर महिला हेल्पलाइन, महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 एवं वरिष्ठ नागरिक सैल की मासिक समीक्षा की जाएगीः-अशोक कुमार

देहरादून। अशोक कुमार, महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में बैठक आयोजित कर महिला हेल्पलाइन, महिला सहायता सैल 1090 एवं वरिष्ठ नागरिक सैल के कार्यों में गुणवत्ता लाने और जनता में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इनके कार्यों की समीक्षा की गई, जिसमें श्री ए0पी0 अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, श्रीमती रिधिम अग्रवाल, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, श्रीमती ममता वोहरा, पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड सहित समस्त जनपदों के नोडल अधिकारी एवं प्रभारी उपस्थित रहे।

अशोक कुमार ने कहा कि महिला उत्पीड़न की घटनाओं की रोकथाम एवं महिला उत्पीड़न संबंधी सूचना पर तत्काल कार्यवाही करने के लिए प्रत्येक जनपद में महिला हेल्पलाइन एवं महिला सहायता सैल 1090 स्थापित किये गये हैं, जिनकी सक्रियता को बढ़ाना, कार्यों में एकरूपता लाने एवं सैलों को संवदेनशीलता के साथ प्रभावी रूप से कार्य करने की जरूरत है। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के सम्बन्ध में भी संवदेनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता है। महिला सम्बन्धी प्रकरणों में किसी भी स्तर पर की गई कोताही बर्दाशत नहीं की जाएगी।

अशोक कुमार द्वारा बैठक में निम्न बिन्दुओं पर दिशा-निर्देश दिये गये-
1. जनपदों में महिलाओं, बच्चों एवं वरिष्ठ नागरिकों की सहायता हेतु एक ही राजपत्रित नोडल अधिकारी को नियुक्त किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
2. महिला सहायता सैल 1090 को “महिला सुरक्षा हेल्पलाइन” नाम दिया गया।
3. महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 की काॅल केवल महिला कर्मियों द्वारा ही रिसीव की जाए।
4. जनपद प्रभारियों द्वारा मासिक अपराध गोष्ठी में महिला हेल्पलाइन एवं महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 के कार्यों की समीक्षा की जाए।
5. प्रत्येक थाना/चौकी/पुलिस कार्यालयों में पोस्टर एवं पोम्पलेट के माध्यम से महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 एवं इमरजेन्सी सेवा 112 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। सोशल मीडिया के माध्यम से भी इनका प्रचार-प्रसार किया जाए।
6. महिला एवं छात्राओं के प्रति हो रहे अपराधों के बारे में उन्हें जागरूक करने हेतु जनपद प्रभारियों द्वारा प्रत्येक माह स्कूल/काॅलेजों में महिला सुरक्षा के सम्बन्ध में सेमीनार आयोजित किये जाएं।
7. महिला हेल्पलाइन में काउंसलिंग प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से न बढ़ाया जाए। किसी भी प्रकरण में अधिकतम 3 काउंसलिंग या 02 माह तक काउंसलिंग की जाए।
8. महिला हेल्पलाइन से काउंसलिंग के पश्चात अभियोग पंजीकृत करने हेतु थाने को भेजे गये प्रकरण में तत्काल अभियोग पंजीकृत किया जाए।
9. वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के निस्तारण एवं उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने के लिए प्रत्येक जनपद में अलग से वरिष्ठ नागरिक सेल गठित किया जाए और इमरजेन्सी सेवा 112 एवं 1090 हेल्पलाइन वरिष्ठ नागरिकों हेतु भी कार्य करेगी।
10. पुलिस मुख्यालय स्तर पर महिला हेल्पलाइन, महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 एवं वरिष्ठ नागरिक सैल की मासिक समीक्षा की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button