पुलिस की तत्परता के चलते साम्प्रदायिक घटना होने से टली
देहरादून। आज डोइवाला पुलिस को फोन के माध्यम से अब्दुल कादिर नामक व्यक्ति द्वारा सूचना दी गयी कि तेलीवाला दरगाह (मजार) के पास किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा तोडफोड व आगजनी की गयी है। उक्त सूचना पर प्रभारी निरीक्षक डोइवाला मय पुलिस बल के तत्काल घटना स्थल तेलीवाला पहुंचे तथा घटना के सम्बन्ध में उच्चाधिकारीगणों को सूचना दी। घटना के सम्बन्ध में वादी अजीमुद्दीन पुत्र स्व0 जान मौहम्मद निवासी: तेलीवाला डोइवाला की ओर से दी गयी लिखित तहरीर के आधार पर थाना डोइवाला पर मु0अ0सं0: 281/19 धारा: 295, 295 क, 380, 427 भा0द0वि0 बनाम अज्ञात पंजीकृत कर विवेचना व0उ0नि0 महावीर सिंह रावत के सुपुर्द की गयी। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा स्वंय मौके पर पहुँचकर घटनास्थल का निरीक्षण कर घटना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी । घटना के अनावरण हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा मौके पर ही पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें गठित कर घटना में संलिप्त व्यक्तियों की गिरफ्तारी हेतु उन्हें अलग-अलग टास्क दिये गये तथा लगातार उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों का फीडबैक लेते हुये उन्हे आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। जिसके फलस्वरूप पुलिस टीम को उक्त घटना में पूर्व में चोरी के अपराध में जेल गये अभियुक्त अनिल कुमार लोधी पुत्र स्व0 जगदीश कुमार निवासी: कुडकावाला, डोईवाला देहरादून के संलिप्त होने की सूचना प्राप्त हुई। घटना के उपरान्त मजार से चोरी किये गये सामान को बांधकर गन्ने के खेत में छिपाने के तरीके को देखते हुए पूर्व चोर अनिल कुमार लोधी की तलाश की गयी तो उसके परिजनों द्वारा बताया गया कि अनिल रात को करीब 01:00 बजे घर आया था, परन्तु हमारे द्वारा घर का दरवाजा न खोलने पर वह वापस चला गया। सुबह जब वह दोबारा आया तो उसका पैर कटा हुआ था तथा वह अपने जूते छोडकर अपने भाई के जूते पहनकर चला गया । इस पर पुलिस द्वारा अपने सूचना तन्त्र सक्रिय करते हुए अभियुक्त की तलाश हेतु संभावित स्थानों पर दबिश देते हुए अभियुक्त अनिल कुमार लोधी को झबरावाला पुल के पास से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त से पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि मैं प्लम्बर का कार्य करता हूं व नशे का आदि हूँ। मेरे पास पैसे नहीं थे, मुझे पता था कि मेरे घर के पीछे खेतों में जो मजार है, उसमें चढावा चढ़ता है। तो मैं वहां रात में चोरी करने के इरादे से चला गया। मजार पर मेरे द्वारा मुख्य गेट का ताला तोडकर अन्दर प्रवेश किया तथा अन्दर रखे संदूक का ताला तोडकर उसमें रखे पैसे निकाल लिये। रात को बहुत ठण्ड थी, मैने संदूक के अन्दर रखे अखबार व कागज निकालकर आग सेकने हेतु मौके पर जलाकर रात गुजारी गयी तथा अन्दर रखी चटाई, चादरें व शीशे आदि सामान को पोटली में बांधकर गन्ने के खेत में फेंक दिया। संदूक से मिली पेंच, पत्ती व माला मेैने स्वयं रख ली तथा उसके बाद मै घर गया तो घरवालों द्वारा मेरे लिये दरवाजा नहीं खोला फिर मै दुबारा मजार पर चला गया और सारी रात वहीं पर गुजारी। मजार पर जो भी जलाने वाली चीज मुझे मिली, मैने ठण्ड से बचने के लिये जलायी थी। घटना के दौरान पैर में कांच लगने से मेरा पैर जूते समेत कट गया, जिस कारण सबेरे मेरे द्वारा घर जाकर घर पर रखे अपने भाई के जूते पहने और फिर वहां से बाजार के लिये चला गया। बाजार में मैने डाॅ0 गौतम निवासी कुड़वावाला डोईवाला देहरादून से अपनी पैर में पट्टी करवायी तथा चोरी किये गये पैसों को खर्च कर दिया।