विस्थापितों पर दायर याचिका वापस होंगी
देहरादून। टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 परिवारों के खिलाफ न्यायालय में दायर मामलों को टीएचडीसी द्वारा वापस लिया जाएगा। वहीं टीएचडीसी के पास उपलब्ध 21 हेक्टयेर भूमि को भी वापस लिया जाएगा। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को टिहरी विस्थापित परिवारों ने उनसे मिल कर उनका आभार व्यक्त किया। इस दौरान सिंचाई मंत्री ने कहा कि टीएचडीसी की खाली भूमि को आवंटित किया जाएगा और इस भूमि को टिहरी विस्थापितों को दिया जाएगा। विदित हो कि बांध परियोजना से प्रभावित 415 परिवारों की पुनर्वास संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए सिंचाई मंत्री के नेतृत्व में सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, टिहरी विधायक धन सिंह नेगी, घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह, प्रतानगर विधायक विजय पाल सिंह पंवार ने केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजकुमार सिंह के साथ बैठक आयोजित कर उनकी समस्याओं का हल किया गया।इस बैठक में तय किया गया कि टिहरी बांध के 415 पात्र विस्थापित परिवारों की समस्याओं का दो माह के भीतर निस्तारण किया जाएगा। विस्थापितों की भूमि की वैल्यूएशन के लिए ऊर्जा सचिव केंद्र सरकार और सिंचाई सचिव ने उत्तराखण्ड सरकार को निर्देशित किया है। वहीं टीएचडीसी मुख्यालय को ऋषिकेश से हटाने की अटकलों पर भी कैबिनेट मंत्री ने विराम लगाते हुए कहा कि टीएचडीसी का मुख्यालय ऋषिकेश में ही रहेगा।
बताया कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि टीएचडीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर और प्रमोशन के लिए शीघ्र ही पॉलिसी बनाई जाएगी। टिहरी बांध विस्थापितों के लिए निशुल्क सीवर और पानी की व्यवस्था के साथकृसाथ आधे दाम पर बिजली देने के लिए भी जल्द ही कमेटी का गठन किया जाएगा। आवागमन संबंधी कठिनाइयों को देखते हुए बैठक में निर्णय लिया गया कि टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर क्षेत्र के लिए सात बोट एवं दो बसों का संचालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि घनसाली महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए सीएसआर फंड से धनराशि दी जाएगी।