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पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा की पहल पर कंपनी सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मुहैया करवाएगी

देहरादून।  भारत की अग्रणी डिजिटल सर्विस प्लेटफॉर्म पेटीएम ने आज घोषणा करते हुए बताया कि पेटीएम फाउंडेशन कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच देश के नागरिकों की मदद करने के लिए 3,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (ओसी) की खरीद और उसका आयात करेगा।
पेटीएम फाउंडेशन का लक्ष्य इस खरीद के जरिए देश में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने की दिशा में मदद पहुंचाना है। कंपनी ने इस मामले में और अधिक जागरूकता फैलाने के लिए राष्ट्रव्यापी ‘ऑक्सीजन फॉर इंडिया’ अभियान की शुरुआत की है। पेटीएम फाउंडेशन पहले ही चार करोड़ की लागत वाली 1,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के आयात का ऑर्डर दे चुका है और अब फाउंडेशन का लक्ष्य 10 करोड़ रुपये जुटाने का है। कंपनी लोगों से ज्यादा संख्या में इस पहल से जुड़ने की अपील कर रही है। अभियान के शुरुआती दौर में ही कंपनी 1.5 करोड़ रुपये जुटा चुकी है और पेटीएम के योगदान से यह रकम अब तीन करोड़ रुपये हो गई है।
       देश ऑक्सीजन समस्या के अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है और इस स्थिति से निपटने के लिए सभी तरह के सहयोग की जरूरत है, जिसमें बड़े ऑक्सीजन टैंकर्स, ऑक्सीजन सिलिंडर्स और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स शामिल है। चूंकि देश में पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की आपूर्ति नहीं हो रही है इसलिए फाउंडेशन ने इस दिशा में पहल करते हुए वैश्विक रूप से इसकी आपूर्ति की संभावनाओं को तलाश करना शुरू कर दिया है। अधिकांश लोगों की जिंदगियां बचाने के लिए फाउंडेशन साझेदारी की दिशा में भी काम कर रहा है ताकि भारत में 30,000 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की खरीदारी की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
       पेटीएम ने इस पहल की शुरुआत की है और वह युद्ध स्तर पर विदेश से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (ओसी) को लाने की कोशिश करेगा। पेटीएम इस मामले में समान विचारधारा वाले स्टार्टअप्स को साथ लाने की कोशिश कर रहा है ताकि भारी मात्रा में एक साथ ओसी के लिए ऑर्डर दिया जा सके। कंपनी को उम्मीद है कि लोग इस अभियान को दिल खोलकर मदद देंगे और यह जल्द ही छोटी अवधि में 10 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जुटा लेगी।
      कंपनी पेटीएम एप पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आपूर्ति के लिए अस्पतालों से मांग का निवेदन स्वीकार करेगी। इस दौरान प्राथमिकता सरकारी अस्पतालों को दी जाएगी। इसके बाद निजी अस्पताल, छोटे क्लीनिक और सबसे आखिर में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस (त्ॅ।े) का नंबर होगा। इसकी सूची सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी ताकि इस मामले में वितरण को लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। यह सेवा पहले आओ पहले पाओ या आपात स्थिति में आवश्यकता-आधारित मांग पर उपलब्ध होगी। अस्पतालों को इसके लिए जरूरतों, पता और साथ में को-ऑर्डिनेटर जैसी जानकारी भी उपलब्ध करानी होगी। .
      पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कहा कि, “भारत फिलहाल अभूतपूर्व ऑक्सीजन संकट की स्थिति से गुजर रहा है और इससे निपटने के लिए सभी तरह के सहयोग की जरूरत है, जिसमें बड़े ऑक्सीजन टैंकर्स, ऑक्सीजन सिलिंडर्स और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स शामिल है, जिससे स्थानीय तौर पर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सके। मैं स्टार्टअप्स, अन्य कारोबारों को हमारे साथ आने की अपील करता हूँ ताकि उनके योगदान के जरिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की आपूर्ति को दोगुनी की जा सके। ऑक्सीजन संकट के इस समय में यह देश की बड़ी मदद होगी। मुझे भरोसा है कि हम अपने संसाधानों को साझा कर इस संकट से निपटने में कामयाब होंगे और ज्यादा मजबूती से संकट के सामने खड़े होंगे।”
      महामारी की शुरुआत के समय से ही पेटीएम ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देने के लिए कई पहल की शुरुआत की है। पिछले साल नागरिकों के समर्थन की मदद से कंपनी ने पीएम-केयर्स फंड में सैंकड़ों करोड़ रुपये का योगदान दिया था और साथ ही कोविड वॉरियर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बीच एक करोड़ हाईजीन किट का वितरण किया था। पलायन कर रहे 2 करोड़ से अधिक मजदूरों के लिए भोजन का इंतजाम किया गया था। साथ ही कंपनी ने पेटीएम ऐप, यूआई पर ‘स्टे एट होम इसेन्शल पेमेंट’ जैसा फीचर उपलब्ध कराकर यूजर्स को मोबाइल और डीटीएच रिचार्ज, बिजली बिल, पानी बिल, गैस बिल, क्रेडिट कार्ट और बीमा पेमेंट के भुगतान का विकल्प मुहैया कराया था।

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