Uttarakhand

परियोजना के क्रियान्वयन की लगातार मॉनिटरिंग की जाएः मुख्य सचिव

देहरादून। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड सौर ऊर्जा नीति-2013 (संशोधित-2018) के अन्तर्गत 200 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आमंत्रित प्रस्तावों हेतु ‘परियोजना अनुमोदन समिति‘ की बैठक संपन्न हुई। इसके अन्तर्गत उत्तराखण्ड के स्थायी निवासियों के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कुल 208 आवेदकों के प्रस्तावों को अनुमोदन प्रदान किया गया। इन आवेदकों द्वारा आगामी 30 जून, 2020 तक कुल 148.85 मे0वा0 क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाऐं स्थापित करायी जायेंगी।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि इस परियोजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की देरी न की जाए। इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाए। सभी कार्य समयबद्धता के साथ पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि चयनित विकासकर्ताओं को अधिकारियों द्वारा हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जाए, साथ ही, चयनित विकासकर्ताओं को यूपीसीएल की ग्रिड लाइन से जोडे जाने के लिये समयबद्ध रूप से आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को इन परियोजनाओं की स्थापना हेतु आवश्यक सहयोग प्रदान करने तथा समय-समय पर इनकी प्रगति की समीक्षा किये जाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को विकासकर्ताओं का लगातार उत्साहवर्धन करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर विकसित करने के लिये की गयी इस पहल पर यहाँ के स्थायी निवासियों द्वारा उत्साहवर्धक प्रतिभाग करने से पर्वतीय क्षेत्रों में इस प्रकार की छोटी-छोटी इकाइयां स्थापित हो सकेंगी तथा राज्य को स्वच्छ ऊर्जा की भी प्राप्ति हो सकेगी।
बैठक में बताया गया कि उरेडा द्वारा इन परियोजनाओं की स्थापना के लिये माह फरवरी, 2019 में ई-निविदा के माध्यम से प्रस्ताव आमंत्रित किये गये थे जिसके सापेक्ष 30 अप्रैल, 2019 (निविदा जमा करने की अन्तिम तिथि) तक कुल 237 ऑनलाइन प्रस्ताव प्राप्त हुये जिनको ‘तकनीकी मूल्यांकन समिति’ द्वारा निर्धारित मानकोंध्शर्तो के अनुसार परीक्षण किया गया। इसके उपरान्त सभी प्राप्त प्रस्तावों में से तकनीकी अर्हता पूर्ण करने वाले 208 प्रस्तावों को सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण तथा प्रस्तावित परियोजनाओं के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित होने के सम्बन्ध में सत्यापन कराया गया है। सभी चयनित 208 विकासकर्ताओंध्आवेदकों द्वारा कुल 148.85 मे0वा0 क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाऐं 30 जून, 2020 तक पूर्ण करायी जानी है। इन परियोजनाओं की स्थापना से राज्य में लगभग 600 करोड़ रूपये का निवेश हो सकेगा। यह सभी परियोजनाऐं निवेशकों द्वारा अपने वित्तीय संशाधनों से स्थापित की जायेगी तथा इन परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत को यूपीसीएल द्वारा 25 वर्षो तक क्रय किया जायेगा। प्रस्तावित निविदा में न्यूनतम रू0 3.30 प्रति यूनिट तथा अधिकतम दर रू0 4.71 प्रति यूनिट प्राप्त हुयी है जो कि मा0 उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित अधिकतम दर रू0 4.73 प्रति यूनिट के अर्न्तगत है। कुल 208 मे0वा0 क्षमता की परियोजनाओं की स्थापना हेतु प्रस्ताव मॉगे गये थे जिनके सापेक्ष केवल 148.85 मे0वा0 प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। इसलिये मुख्य सचिव द्वारा शेष 52 मे0वा0 क्षमता के प्रस्ताव आमंत्रित किये जाने हेतु उरेडा को निर्देश दिये गये। इस अवसर पर सचिव ऊर्जा राधिका झा, सचिव राजस्व सुशील कुमार प्रमुख वन संरक्षक जयराज, जनपदों से मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी सहित यू0पी0सी0एल0 एवं पिटकुल के प्रबन्ध निदेशक भी उपस्थित थे।

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