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कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्रीय आम बजट को दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास अवरोधी बताया

देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम आम बजट को दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास अवरोधी तथा आम आदमी के हितों के खिलाफ मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ाने वाला बजट बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्रीय अंतरिम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने अपनी हठधर्मिता का परिचय देते हुए जो बजट प्रस्तुत किया है वह दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास विरोधी, मंहगाई व बेरोजगारी बढ़ाने वाला तथा देश की आर्थिक वृद्धि पर चोट पहुंचाने वाला बजट है। देश के वित्त मंत्री ने बजट में आंकडों की बाजीगरी कर घुमाकर नाक पकड़ने का काम किया है। लगातार की जा रही कोरी घोषणाओं व जुमलेबाजी तथा अपने चहेते उद्योग पतियों को लाभ पहुंचाने वाले बजट में वित्तीय प्रबन्धन का नितांत अभाव है तथा इस बजट से बेरोजगारी बढ़ने के साथ ही आम आदमी के सिर पर मंहगाई का बोझ बढेगा। उन्होंने कहा कि वित मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट के प्रावधानों से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था में विकास दर दहाई का आंकडा भी नहीं छू पायेगी और न ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। केन्द्र सरकार द्वारा कृषकों की आय दोगुनी करने की बात करने के बाद अब आम आदमी की आय दुगनी होने की बात बार-बार की जाती है परन्तु आय दोगुनी करने का कोई प्रावधान बजट में नहीं किया गया है। आसन्न लोकसभा चुनाव को केन्द्र में रखकर मुफ्त की योजनाओं की भरमार लगाई गई है।
करन माहरा ने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत आम बजट में मात्र कोरी घोषणाओं का अंबार लगाया गया है परन्तु उन्हें पूरा करने के लिए पैसा कहां से आयेगा इसका कोई उल्लेख नहंीं है। बजट में आम जनता को मंहगाई से निजात दिलाने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। आम बजट में नौजवानों के भविष्य की घोर उपेक्षा की गई है इस बजट से देश में रोजगार के अवसर घटेंगे, किसान, गरीब व आम आदमी के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में की गई नोटबंदी और जीएसटी से देश में कई हजार लघु उद्योग बन्द हो गये थे, रीयल स्टेट सेक्टर में काम पूरी तरह से ठप्प हुआ तथा किसानो को उनकी उत्पाद लागत न मिलने के कारण कृषि क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर न्यूनतम हुए हैं। इन तीनों क्षेत्र में करोड़ों लोग बेरोजगार हुए तथा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी का अनुपात लगातार बढा है। वित मंत्री ने अपने इस बजट में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाकर दोगुनी करने की बात तो की है परन्तु इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। नये रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कोरी घोषणायें मात्र हैं तथा इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। लगातार चली आ रही कोरोना महामारी के बाद बेरोजगार हुए करोड़ों लोगों की पुर्नबहाली की बात पर भी सरकार मौन है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने केन्द्र सरकार के आम बजट को पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स छूट के स्लैबों मे की गई बढ़ोत्तरी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। महिला सुरक्षा, किसानों, बेरोजगार नौजवानों के लिए इस बजट में कोई विषेष प्रावधान नजर नही आता है। प्राानमंत्री कौशल विकास योजना तथा स्किल इंडिया इंटरनेशनल सैंटर की कोरी घोषणाओं के अलावा मनरेगा, गरीब ग्रामीण श्रम, रोजगार और मंहगाई का बजट में कोई जिक्र नहीं है। रोजगार के सृजन तथा महिलाओं के सशक्तीकरण एवं सम्मान की बात केवल मोदी सरकार की लच्छेदार भाषणों का हिस्सा मात्र है। प्रति व्यक्ति आय दुगनी करने की कोरी घोषणायें हास्यास्पद है जो आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे किसानों और बेरोजगारों को बरगलाने जैसी हैं, उनके लिए बजट में किसी प्रकार की बडी राहत नहीं दी गई है।
करन माहरा ने कहा कि आम बजट में उत्तराखण्ड को खाली हाथ छोड दिया गया है। आपदा पीडित राज्य होने के बावजूद उत्तराखण्ड राज्य की जोशीमठ जैसी आपदा के लिए बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ जैसी आपदा की स्थिति के लिए यदि सस्ती एयर सर्विस के लिए प्रावधान किया जाता तो निश्चित रूप से इसका लाभ आपदाग्रस्त क्षेत्र के लोगों को मिलता, परन्तु केन्द्र सरकार ने अपने बजट में उत्तराखण्ड जैसे आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य को रेल कनेक्टिविटी और एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर आम बजट में अपने उद्योगपति दोस्तों का हित साधन कर आम आदमी की उपेक्षा की गई है।

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