पंचायतीराज मंत्री महाराज ने जिलाधिकारियों से विकासखण्डों के परिसीमन को प्रस्ताव मांगने को कहा
देहरादून। पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में पंचायतीराज निदेशालय में वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की प्रगति एवं अन्य गतिविधियों के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में बुद्धवार को पंचायतीराज निदेशालय में विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों के साथ त्रिस्तरीय पंचायतों के सशक्तिकरण से संबंधित विभागीय योजनाओं की प्रगति एवं अन्य गतिविधियों के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
समीक्षा बैठक में पंचायतीराज मंत्री श्री महाराज द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि पंचायतों में हरेला त्योहार के उपलक्ष्य में 3-4 दिन का अभियान चला कर वृक्षारोपण किया जाए तथा इसमें विद्यालयों का सहयोग भी लिया जाए। इस हेतु अभी से तैयारी शुरू कर ली जाए। उन्होने यह भी कहा कि ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण की तिथि पर सभी ग्रामीण इकट्ठा हों तथा इसको उत्सव के रूप में लेते हुए एक दिन का सामुहिक श्रम दान करने हेतु प्रेरित किया जाए।
पंचायतीराज मंत्री द्वारा निर्देश दिए कि कार्बन न्यूट्रल ग्राम पंचायतें बनायी जाएं तथा विभाग सुविचारित प्रस्ताव प्रस्तुत करे। पंचायतों में प्रशिक्षण हेतु स्थानीय एन०जी०ओ० का ही चयन किया जाए जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। ऐसी 05 ग्राम पंचायतें जिनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ठ कार्य किया गया हो को चिन्हित किया जाए तथा प्रत्येक 03 माह में उन्हें पुरस्कृत किया जाए और चयन का आधार वस्तुनिष्ठ रखा जाए। उन्होने समस्त ग्रामवासियों से अपील की कि वह अपनी पंचायतों एवं आसपास साफ-सफाई कि विशेष ध्यान रखें तथा गंदगी को फैलने से रोकें।
श्री महाराज ने कहा कि विकास खण्डों में स्थित कई ग्राम पंचायत वर्तमान में सड़क संयोजिता के कारण वर्तमान में सम्बन्धित विकास खण्ड की तुलना में भौगोलिक रूप से अन्य विकासखण्डों के निकटस्थ हो गयी हैं तथा सम्बन्धित ग्राम पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों को अपने विकासखण्ड में आवागमन करने में काफी लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है जबकि भौगोलिक रूप से सम्बन्धित ग्राम पंचायतों की निकटता, कनैक्टिविटी अन्य ग्राम पंचायतों से अच्छी है अतः इस सम्बन्ध में सचिव पंचायतीराज द्वारा निदेशक पंचायती राज को विकास खण्डों के परिसीमन किए जाने हेतु जिलाधिकारियों से 02 से 03 माह के भीतर सुविचारित प्रस्ताव मांगने के निर्देश दिए गए।
बैठक में निदेशक पंचायती राज द्वारा अवगत कराया गया कि इस प्रणाली से ग्राम पंचायतों में विभागीय संदेश ध् सूचनाएं पहुंचाने में सहायता मिलेगी तथा ग्राम पंचातयों से प्राप्त होने वाली किसी भी प्रकार की शिकायत के दर्ज करने अथवा पंचायत के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की जानकारी जुटाने एवं समस्या आने पर संपर्क करने पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा के साथ-साथ सम्बन्धित समस्या का निदान किया जा सकेगा तथा इसका ट्रैल रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। निदेशालय पंचायती राज में ई-ऑफिस का भी शुभारम्भ किया गया। बैठक में पंचायतीराज विभाग के सचिव नितेश झा, निदेशक आनन्द स्वरूप, संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी, उप निदेशक, मनोज कुमार तिवारी आदि अधिकारी उपस्थित रहे।