पाकिस्तान की अध्यापिका ने भारत में अम्बाला के युवक से रचाया विवाह
समाना (पटियाला)। पक्षी, हवा और प्यार के लिए कोई हद या सरहद नहीं होती है। इसको सत्य साबित करते हुए दो देशों की कड़वाहट और मुसीबतों के बावजूद पाकिस्तान के सियालकोट की किरण चीमा (27) और अंबाला के गांव तेपला के परविंदर सिंह (33) शादी के बंधन में बंध गए। हालांकि भारत और पाकिस्तान सरहद पर तनाव भी इस शादी में रुकावट बना, बावजूद शनिवार को पटियाला के 22 नंबर फाटक के नजदीक गुरुद्वारा श्री खेल साहिब में शादी संपन्न हो गई। परविंदर ने बताया कि पुलवामा हमले के बाद तनाव के चलते समझौता एक्सप्रेस रद होने के कारण किरण का परिवार एक दिन देरी से भारत पहुंचा। वहीं अंबाला की बजाय पटियाला का वीजा 45 दिन के लिए मिला। इसे वह विवाह के बाद बढ़ाने के लिए अप्लाई करेंगे। इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि किरण को अंबाला में रहने के लिए ही वीजा मिल जाए, जिससे वे एकसाथ अपने घर में रह सकें। परविंदर ने बताया कि एक साल पहले शादी के लिए वीजा अप्लाई किया था, लेकिन उस समय पाकिस्तान ने उनका वीजा रिजेक्ट कर दिया था। इसके बाद किरण और उसके परिवार को भारत बुलाया गया। परविंदर ने बताया कि किरण का परिवार उसकी चाची का दूर का रिश्तेदार है। ये लोग 1947 में देश विभाजन के समय सियालकोट में रह गए थे। वहीं लड़की के पिता सुरजीत चीमा ने कहा कि तनाव के चलते चाहे एक दिन देरी से भारत पहुंचे, लेकिन उनको कहीं कोई मुश्किल नहीं आई है। बता दें कि किरण अपने पिता सुरजीत चीमा, माता समायरा, भाई अमरजीत व बहन रमनजीत कौर के साथ समझौता एक्सप्रेस से पटियाला आई हुई है।
शांति से रहना चाहते हैं दोनों देशों के नागरिक, इसलिए हुई शादी परविंदर की मां पुष्पिंदर कौर व भाई लखविंदर सिंह ने कहा कि आज उनके लिए सबसे बड़ी खुशी का दिन है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान की स्थिति अलग है, लेकिन दोनों देशों के नागरिक शांति के साथ मिलजुल कर रहना चाहते हैं। इसी सोच के कारण ही यह रिश्ता हुआ। लड़की की मां समायरा चीमा ने कहा कि उनकी बेटी की शादी भारत में हुई है, इसकी उन्हें बहुत खुशी है। उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदार पाकिस्तान और भारत दोनों देशों में हैं और इस शादी के जरिये उन्होंने अपनी पुरानी सांझ को आगे बढ़ाया है।
पांच साल पहले हुआ प्यार, ढाई साल पहले सगाई किरण बीए पास है और वह पाकिस्तान में पेशे से अध्यापिका है। किरण 2014 में भारत आई थी और इस दौरान वह परविंदर से पहली बार मिली थी। पहली नजर में उनमें प्यार हो गया। इसके बाद उनकी बातें होती रहीं। दो साल बाद दोनों ने अपने-अपने परिवार से शादी करवाने की इच्छा व्यक्त की, जिस पर दोनों परिवार सहमत हो गए। 2016 में दोनों की सगाई भी हो गई थी। अंबाला के परविंदर सिंह टेलीकॉम ठेकेदार है और वह तीन बहनों का इकलौता भाई है।