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ईएमएफ रेडियेशन पर ऑनलाइन जागरुकता सत्र का किया आयोजन

देहरादून। उत्तर प्रदेश (पश्चिम) की उत्तराखंड इकाई, एलएसए ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य भर में 124 दूरसंचार टावरों और 652 बीटीएस का ईएमएफ परीक्षण किया है और ये सभी भारतीय ईएमएफ मानदंडों के अनुरूप पाए गए हैं दूरसंचार विभाग की उत्तराखंड फील्ड यूनिट ने 10 सितंबर, 2021 को ‘ईएमएफ रेडियेशन पर जागरुकता कार्यशाला’ का आयोजन किया। इस सत्र का आयोजन दूरसंचार विभाग के जन समर्थन कार्यक्रम के तहत किया गया था ताकि विश्वसनीय वैज्ञानिक प्रमाण प्रस्तुत कर ईएमएफ रेडियेशन से जुड़ी भ्रांतियों और नागरिकों के बेबुनियाद डर को दूर किया जा सके।
दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित डॉक्टरों के एक विशेषज्ञ पैनल ने नागरिकों की शंकाओं का समाधान किया और मोबाईल टॉवरों से निकलने वाले रेडियेशन से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान से जुड़ी भ्रांतियों और अफवाहों को दूर किया इस वेबिनार में सरकारी अधिकारियों, आम जनता, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदाताओं एवं अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। समारोह में मौजूद मुख्य वक्ताओं मे अशोक कुमार मित्तल, डीजी (टेलीकॉम); संजीव अग्रवाल, सीनियर डीडीजी, उत्तर प्रदेश (वेस्ट) एलएसए; अरुण कुमार वर्मा, डीडीजी (स्टेट कोऑर्डिनेशन), उत्तराखंड; सुमित गुप्ता, डायरेक्टर, ऑफिस ऑफ डीडीजी (एससी), उत्तराखंड, एवं अरुण चोगुले, सीनियर प्रोफेसर एवं हेड ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ रेडियोलॉजिकल फिज़िक्स, एस. एम. एस. मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल्स, जयपुर शामिल थे।
दूरसंचार सेवाओं की रूपरेखा देते हुए और अंशधारकों की समस्याओं पर रोशनी डालते हुए, श्री ए. के. मित्तल, डीजी (टेलीकॉम), डीओटी ने कहा, ‘‘सामाजिक आर्थिक प्रगति के लिए हमें एक मजबूत टेलीकॉम उद्योग की जरूरत है, जो कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मोबाईल टॉवर्स के एक मजबूत नेटवर्क द्वारा आधार तैयार करे। नागरिकों को आश्वस्त रहना चाहिए कि मोबाईल टॉवर के रेडियेशन से स्वास्थ्य को कोई जोखिम नहीं क्योंकि भारत के लिए ईएमएफ के नियम इंटरनेशनल कमिशन ऑन नॉन-आयोनाइज़िंग रेडियेशन प्रोटेक्शन (आईसीएनआईआरपी) द्वारा निर्धारित सीमा से 10 गुना ज्यादा कठोर हैं और ये विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मानकों का पालन करते हैं। ईएमएफ रेडियेशन की विस्तृत शोध में मोबाईल टॉवर रेडियेशन का मानव स्वास्थ्य पर कोई भी नुकसानदायक असर देखने को नहीं मिला। वेबिनार को संबोधित करते हुए संजीव अग्रवाल, सीनियर डीडीजी उत्तर प्रदेश (पश्चिम) एलएसए ने कहा, ‘‘डीओटी अपनी फील्ड यूनिटों के माध्यम से भारत में टॉवर्स से निकलने वाले ईएमएफ उत्सर्जन स्तर की निगरानी करता है और देश में उत्सर्जन के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करता है। उत्तराखंड फ़ील्ड यूनिट यादृच्छिक रूप से साईट्स को चुनकर उनका फिज़िकल ऑडिट करता है और साईट्स के पास अलग-अलग स्थानों पर उपलब्ध ईएमएफ सिग्नल्स की तीव्रता की जाँच करता है।’’

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