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किसी भी माँ को सीमाओं पर अपना बेटा न खोना पड़ेः स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश। पुलवामा हमले में शहीद हुये सीआरपीएफ (अर्द्धसैनिक बल) के 40 जवानों को भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदनन्द सरस्वती ने कहा कि देश के उन सभी वीर योद्धाओं की देश भक्ति और पुरूषार्थ को नमन जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये अपने प्राणों का बलिदान कर दिया।
14 फरवरी वर्ष 2019 को पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट की कड़ी निंदा करते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि पुलवामा हमला आतंकवाद का बर्बर चेहरा है। पूरी दुनिया में आतंकवाद और उग्रवाद अलग-अलग नामों, संगठनों, क्षेत्रों और उद्देश्यों को लेकर पैर फैला रहा है और अब यह एक वैश्विक खतरा बन गया है। वर्तमान समय में यह न केवल किसी एक राष्ट्र के लिये बल्कि पूरी दुनिया के लिये एक बड़ा खतरा बन कर उभरा है अतः सभी राष्ट्रों को मिलकर एक ठोस रणनीति बनाकर आतंकवाद जैसी वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिये एकजुट होना होगा।
स्वामी जी ने कहा किसी भी एक राष्ट्र के लिये आतंकवाद का सामना करना  मुश्किल है परन्तु सभी राष्ट्र मिलकर इस वैश्विक समस्या का समाधान करें तो निश्चित रूप से इसे समाप्त किया जा सकता है। आतंकवाद किसी एक राष्ट्र की समस्या नहीं है बल्कि पूरे विश्व की है। भारत तो हमेशा से ही आतंकवाद के खिलाफ रहा है और आतंकवाद को समाप्त करने के लिये आवश्यक कदम भी उठा रहा है। भारत का हमेशा से ही उदेद्श्य शान्ति की स्थापना रहा है लेकिन अब इसके लिये दुनिया के अन्य सभी राष्ट्रों को भी समर्थन देना होगा ताकि आतंक को पोषित करने वाले संगठनों के खिलाफ भी रणनीतिपूर्ण ठोस कार्यवाही की जा सके। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने देशवासियों का आह्वान करते हुये कहा कि  देश की सीमाओं, मानवाधिकारों और संवैधानिक मूल्यों की सुरक्षा हेतु हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने देश के नीतिनिर्माताओं से निवेदन किया कि अब भारत के लिये एक सुदृढ़ रणनीति सृजित करनी होगा ताकि किसी भी माँ को सीमाओं पर अपना बेटा न खोना पड़े।

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