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पुनःप्रयोग में लाए जाने वाले पैड्स के इस्तेमाल को बढ़ावा देने‌ की आवश्यकताः विशेषज्ञ

देहरादून। सभी‌ को किफ़ायती पैड्स मुहैया कराने और प्राकृतिक ढंग से माहवारी संबंधी स्वच्छता के लक्ष्य को पाने के लिए ज़रूरी है कि लोग बड़े पैमाने पर पुनरूप्रयोग में लाये जानेवाले पैड्स का इस्तेमाल करने की शुरुआत करें। निश्चित ही डिस्पोसेबल यानि एक बार इस्तेमाल कर फ़ेंक दिये जानेवाले पैड्स का काफ़ी प्रचलन है, मगर ज़्यादातर महिलाएं उन्हें ख़रीदने की हैसियत नहीं रखती हैं. इतना ही नहीं, ऐसे पैड्स पर्यावरण के लिए भी बहुत हानिकारक होते हैं. यह कहना है माता अमृतानंदमयी मठ द्वारा चलाए जा रहे अमृता आत्मनिर्भर ग्रामीण कार्यक्रम की सह-निदेशक अंजू बिष्ट का उन्हें पैड वूमन ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें कपड़े और केले के बेकार तनों से बने फ़ाइबर की मदद से सौख्यम माहवारी पैड्स के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। इस खोज के लिए उन्हें ढेरों पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि इसी साल उन्हें नीति आयोग की ओर से सौख्यम के लिए किये गये कार्यों के लिए प्रतिष्ठित वूमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया था।
उल्लेखनीय है कि सौख्यम पैड्स को 2017 में लॉन्च किया गया था. यह दुनिया का पहला ऐसा पुनरूप्रयोग में लाया जानेवाला ब्रांड है जिसे केले‌ के बेकार तनों‌ से बने फ़ाइबर की सहायता से निर्मित किया जाता है। प्रकृति में इसकी पहचान पानी को सर्वाधिक सोखने वाली सामग्री के तौर पर होती है। यह अपने सूखे हुए वजन का छह गुना तक सोखने की क्षमता रखता है जो सौख्यम पैड्स को बेहद ख़ास बनाता है। अब तक 500,000 से अधिक सौख्यम पैड्स की बिक्री हो चुकी है। इसके चलते अब तक सालाना‌ 2000 टन के बराबर कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन रोकने में मदद मिली है। इतना ही नहीं, इससे माहवारी संबंधी 43,750 टन‌ नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरा उत्पन्न‌ होने से भी बच गया।
उत्तरकाशी जिले के डूंडा इलाके में माता अमृतानंदमयी मठ में एक सौख्यम उत्पाद केंद्र भी स्थित है जिसकी शुरुआत 2018 में की गयी थी। ग़ौरतलब है कि‌ सौख्यम द्वारा निर्मित पैड्स को अमेरिका समेत यूके, जर्मनी, स्पेन, नेपाल, कुवैत जैसे देशों में निर्यात‌ किया जाता है. उल्लेखनीय है कि उच्च गुणवत्तावाले जो पैड्स विदेशों में निर्यात किये जाते हैं, उन्हीं पैड्स को भारत के ग्रामीण इलाकों में बेहद सस्ती दरों में उपलब्ध कराया जाता है. दो पैड बेस के सेट और तीन पैड इनसर्ट की कीमत महज़ 260 रुपये है. अगर अच्छी तरह से उनका उपयोग किया जाये तो उनका इस्तेमाल  2-3 सालों तक‌ किया जा सकता है. एक बार इस्तेमाल कर फ़ेंक दिये जानेवाले पैड्स की तुलना में ऐसे पैड्स बेहद सस्ते होते हैं और  इनकी क़ीमत एक दहाई तक कम होती है।

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