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नए साल में आईआईएम सम्बलपुर ने की एक नए सफर की शुरुआत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थायी परिसर का किया शिलान्यास
देहरादून। देश में नई पीढ़ी के आईआईएम में सबसे आशाजनक और ऊर्जस्वी प्रबंधन संस्थानों में से एक, आईआईएम सम्बलपुर नए साल के आगमन के अवसर पर एक और बड़ी उपलब्धि का साक्षी बन गया है। 2 जनवरी, 2021 को भारत के माननीय प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी ने आईआईएम सम्बलपुर के स्थायी परिसर का शिलान्यास किया।
इस समारोह में ओडिशा के माननीय राज्यपाल, गणेशी लालय ओडिशा के माननीय मुख्यमंत्री, नवीन पटनायकय माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार, रमेश पोखरियाल श्निशंकश्य माननीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री, भारत सरकार, धर्मेंद्र प्रधानय माननीय राज्य मंत्री, एमओएएचडी एवं मत्स्य पालन और एमएसएमई, भारत सरकार, प्रताप चंद्र सारंगीय माननीय सांसद, नितेश गंगा देबय माननीय विधायक, जे.एन. मिश्राय माननीय विधायक, नूरी नायकय श्रीमती अरुंधति भट्टाचार्य, अध्यक्ष, बोर्ड, आईआईएम सम्बलपुर और भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व अध्यक्ष, तथा प्रो. महादेव जायसवाल, निदेशक, आईआईएम सम्बलपुर ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम का गौरव बढ़ाया। इस वर्चुअल समारोह में भारत सरकार के गणमान्य अतिथि, उड़ीसा सरकार के गणमान्य अतिथि, उद्योग जगत की जानी-मानी हस्तियां, सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारीगण, आईआईएम, आईआईटी, आईआईएसईआर के निदेशक, मीडिया के पत्रकार, बुनकर समुदाय के सदस्य, किसान समुदाय के सदस्य, छात्र, पूर्व-छात्र, प्राध्यापक और आईआईएम सम्बलपुर के कर्मचारियों सहित लगभग 5000 से अधिक आमंत्रित अतिथियों ने भाग लिया।
उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए, भारत के माननीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, ने कहा, “आईआईएम सम्बलपुर के परिसर के शिलान्यास के साथ-साथ देश के युवाओं के लिए एक नए युग की आधारशिला भी रखी जा रही है। मुझे विश्वास है कि, आने वाले दिनों में आईआईएम सम्बलपुर ओडिशा में प्रबंधन शिक्षा का केंद्र बन जाएगा। मौजूदा दशक भारत में नए बहुराष्ट्रीय निगमों के विकास को समर्पित होगा। कोविड के बावजूद, इस साल भारत में कई निजी स्टार्टअप इकाइयों (यूनिकॉर्न) की शुरुआत हुई है। टियर-2 और टियर-3 श्रेणी के शहरों में इनका बड़े पैमाने पर विकास हो रहा है। आज के स्टार्टअप ही कल की बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं। इन स्टार्टअप्स के बेहतर संचालन के लिए सक्षम प्रबंधकों की जरूरत है और संस्थान के छात्र इस क्षेत्र में भारत को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने आगे कहा, ष्अखंडता, नवप्रवर्तन और समाज के हर वर्ग के समावेश के अपने बुनियादी मूल्यों के साथ, आईआईएम सम्बलपुर देश के सामने प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन करेगा। ’ब्रांड इंडिया’ को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना और सभी के समावेश के साथ विकास को प्रोत्साहन देना, इस संस्थान के छात्रों की जिम्मेदारी है। लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए आईआईएम के छात्रों को नए और अभिनव तरीकों की तलाश करनी होगी। मुझे पूरा विश्वास है कि श्आत्मनिर्भर भारतश् के निर्माण में आईआईएम सम्बलपुर के प्रयासों का अहम योगदान होगा।”
इस अवसर पर ओडिशा के माननीय राज्यपाल, गणेशी लाल, ने कहा, “ओडिशा और संपूर्ण पूर्वी भारत के हाथों में देश के रूपांतरण, नवप्रवर्तन और बदलाव की कमान होगी। छात्र श्भय से मुक्त और भाव से युक्तश् के सनातन मूल्यों को बरकरार रखने वाले सबसे महत्वपूर्ण घटक हैं। नए भारत में ओडिशा देश के परिवर्तन के लिए एक इंजन की भूमिका निभाएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ओडिशा और संपूर्ण पूर्वी भारत देश को समग्र रूपांतरण, नवप्रवर्तन और बदलाव की ओर ले जाएगा। आईआईएम सम्बलपुर अपने छात्रों के प्रबंधन कौशल के माध्यम से दुनिया में बदलाव लाने की क्षमता रखता है।
ओडिशा के माननीय मुख्यमंत्री, श्री नवीन पटनायक, ने कहा, “अपने 5 वर्षों के सफर में, आईआईएम सम्बलपुर एक प्रीमियम प्रबंधन संस्थान के रूप में पहले से ही अपनी श्रेष्ठता साबित कर चुका है और अब तक इसका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है। आईआईएम सम्बलपुर में ओडिशा राज्य के उद्यमिता केंद्र बनने की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। स्थानीय बुनकरों और कृषि-आधारित व्यापार मॉडल के प्रतिभाशाली उद्यमियों के संवर्धन पर बल देते हुए, इस संस्थान ने लघु एवं मध्यम उपक्रम मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन (डवन्) पर हस्ताक्षर किए हैं। हम सार्वजनिक हित के क्षेत्रों में आईआईएम सम्बलपुर के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। मैं आईआईएम सम्बलपुर के सभी प्रयासों में इस सरकार के समर्थन का संकल्प लेता हूं।
माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार, रमेश पोखरियाल श्निशंकश्, ने कहा, “एक दिन आईआईएम सम्बलपुर अपने असाधारण कार्यों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध होगा। इस संस्थान के छात्र न केवल देश के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे, बल्कि वे रोजगार सृजन में मदद करने वाले उद्यमी भी बनेंगे। वे दुनिया में भारत के लिए ब्रांड एंबेसडर की भूमिका निभाएंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि, आईआईएम सम्बलपुर उद्यमिता और नवप्रवर्तन के माध्यम से भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने के माननीय प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में सहायक सिद्ध होगा, साथ ही आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी मदद करेगा।
माननीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री, भारत सरकार, धर्मेंद्र प्रधान, ने कहा, “मुझे विश्वास है कि आईआईएम सम्बलपुर वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक हॉटस्पॉट की तरह उभरकर सामने आएगा। यह संस्थान संबलपुर के समृद्ध क्षेत्र के लिए नए आर्थिक मॉडल निर्माण में बेहद मददगार साबित होगा।”
माननीय राज्य मंत्री, एमओएएचडी एवं मत्स्य पालन और एमएसएमई, भारत सरकार, प्रताप चंद्र सारंगी, ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा, ष्आईआईएम सम्बलपुर देश के प्रीमियम संस्थानों में एक है और बेहद कम समय में इस संस्थान ने जिन ऊंचाइयों को छुआ है वह प्रशंसनीय है। यह देश के शीर्ष 75 प्रबंधन संस्थानों की सूची में शामिल हो गया है।”
माननीय सांसद नितेश गंगा देब ने कहा, “आईआईएम के इस नए परिसर के निर्माण से निश्चित तौर पर छात्रों एवं अध्यापकों के लिए बुनियादी सुविधाएं समान रूप से बेहतर होंगी। मुझे उम्मीद है कि इस संस्थान के सभी छात्र स्वयं को देश के सर्वश्रेष्ठ उद्यमी सिद्ध करने में सक्षम होंगे।”
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, श्रीमती अरुंधति भट्टाचार्य, अध्यक्ष, बोर्ड, आईआईएम सम्बलपुर और भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व अध्यक्ष, ने कहा, “इस संस्थान के माध्यम से हम ने छात्रों को डिग्री देने से परे जाने का प्रयास किया है। हमारी महत्वाकांक्षा यह है कि, इस संस्थान से पढ़ाई पूरी करने वाले सभी छात्र रचनात्मक मानसिकता के साथ अधिक परिपक्व उद्यमी बनेंगे और कई लोगों को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने में सक्षम होंगे। हमारे नए परिसर में ओडिशा की पारंपरिक वास्तुकला का समावेश होगा। हम पारिस्थितिक संवहनीयता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, इसलिए हमारा नया परिसर पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल भी होगा।”
इसके बाद, प्रो. महादेव जायसवाल, निदेशक, आईआईएम सम्बलपुर, ने कहा, “वर्ष 2015 में भारत सरकार द्वारा आईआईएम सम्बलपुर की स्थापना की गई थी, ताकि उद्यमी मानसिकता वाले युवाओं को मार्गदर्शन व प्रोत्साहन दिया जा सके। नवप्रवर्तन, अखंडता और समाज के हर वर्ग का समावेश हमारे कार्यों के संचालन के मूल सिद्धांत हैं। नई शिक्षा नीति के दृष्टिकोण के अनुरूप, प्प्ड सम्बलपुर ने पढ़ने और पढ़ाने के तरीके में एक अभिनव बदलाव किया है, और इस प्रक्रिया को शिक्षक केंद्रित से छात्र केंद्रित बनाया है। उद्योग जगत के लाइव प्रोजेक्ट को क्लासरूम में लाकर हमने श्फ्लिप्ड क्लासरूमश् की अवधारणा को प्रस्तुत किया है, जिससे छात्र पढ़ाई से ज्यादा लगाव महसूस करते हैं और उनकी सीखने की क्षमता बढ़ जाती है। संस्थान में 49ः छात्राओं के साथ लैंगिक विविधता के मामले में भी हम सबसे बेहतर हैं। संस्थान के परिसर के शिलान्यास के लिए, हम अपने माननीय प्रधानमंत्री के आभारी हैं। हम ओडिशा के माननीय राज्यपाल, ओडिशा के माननीय मुख्यमंत्री, माननीय शिक्षा मंत्री, माननीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री और अन्य सभी गणमान्य व्यक्तियों, मित्रों और आईआईएम सम्बलपुर परिवार के सभी सदस्यों का हृदय से आभार व्यक्त करना चाहते हैं, जिन्होंने अपनी गरिमामय उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। सम्बलपुर शहर के निकट स्थित गौशाला के पास बसंतपुर गाँव में लगभग 200 एकड़ के भूखंड पर भारतीय प्रबंधन संस्थान, सम्बलपुर के स्थायी परिसर का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के पहले चरण में लगभग 60,280 वर्गमीटर क्षेत्र का निर्माण किया जाएगा, जिसके अंतर्गत परियोजना की अलग-अलग इमारतें शामिल होंगी। परिसर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें क्षेत्रीय कला का समावेश किया जाएगा जो वास्तुकला के साथ पारस्परिक जुड़ाव को दर्शाता है। ओडिशा की पारंपरिक इकात (प्ज्ञ।ज्) कृ विशेष पैटर्न के साथ कपड़ा-रंगाई की तकनीक कृ को अद्भुत सुंदरता के साथ ईंट के अग्रभाग पर चित्रित किया गया है, जिसकी रंगत राज्य की मिट्टी के रंगों के समान है।
जीआरआईएचए (ळत्प्भ्।) के मानकों के अनुरूप 4-स्टार की रैंकिंग वाला यह संवहनीय परिसर ऊर्जा कुशल और विकास के पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील सिद्धांतों का पालन करेगा। ड्यूल फ्लशिंग सिस्टर्न, पानी का कम खपत करने वाले यूरिनल, शॉवर, नल, इत्यादि का उपयोग करके परिसर के भीतर पानी की खपत को कम किया जाएगा। सामान्य तौर पर लोगों की उपस्थिति वाले क्षेत्रों में 100ः दिन के प्रकाश तथा इमारत के भीतरी हिस्सों में ताजी हवा के आवागमन की व्यवस्था की जाएगी, साथ ही सिंचाई और फ्लशिंग जैसे कार्यों के लिए एसटीपी द्वारा उपचारित पानी का उपयोग किया जाएगा। एलईडी लाइटिंग के साथ-साथ डीजी सेट्स, ट्रांसफॉर्मर, लिफ्ट्स, पंप्स, मोटर्स जैसे ईसीबीसी के मानकों के अनुरूप ऊर्जा-कुशल विद्युत उपकरणों के इस्तेमाल से बिजली की खपत में काफी कमी आएगी। मैं जिस चरण में काम करूंगा उसके अंतर्गत प्रशासनिक भवन, संकाय ब्लॉक, शैक्षणिक ब्लॉक, सभागार ब्लॉक, अतिथि गृह सहित एमडीपी ब्लॉक, पुस्तकालय एवं इनक्यूबेशन ब्लॉक, छात्रावास भवन, भोजनालय एवं खान-पान ब्लॉक, खरीदारी एवं कार्यकलाप ब्लॉक, ओएटी के साथ खेल-कूद एवं मनोरंजन, अध्यापकों व कर्मचारियों के निवास, निदेशक बंगला, सामुदायिक केंद्र तथा निर्माण-स्थल विकास कार्य क्षेत्र इत्यादि शामिल होंगे।