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प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का किया गया आयोजन

ऋषिकेश। आज़ादी के अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से सूर्या फाउंडेशन व इंटरनेशनल नैचरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन (आईएनओ) द्वारा रोग मुक्त भारत अभियान के तहत खदरी ग्राम सभा में प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया। खदरी, श्यामपुर के स्वामी विवेकानंद स्कूल में आयोजित एक दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर के दौरान कोविड-19 काल में इम्युनिटी बढ़ाने हेतु जीवन शैली में किए जाने वाले बदलाव हेतु जानकारी दी गई। बता दें कि आजादी के अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 18 नवंबर 2021 से 15 अगस्त 2022 तक रोग मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान को सार्थक बनाने के लिए सूर्या फाउंडेशन एवं आईएनओ द्वारा देश में जगह-जगह प्राकृतिक चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं। इस आयोजन में जानकारी दी जा रही है कि प्राकृतिक चिकित्सा को किस प्रकार से अपना कर जीवन की पद्धति में बदलाव ला सकते हैं क्योंकि आज कल खान-पान व रहन-सहन के व्यवस्थित नहीं रहने से शरीर में अनेक प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाने से अनेक बीमारियां शरीर में घर बना लेती है जिसका जड़ मूल से उपचार नेचुरोपैथी के माध्यम से ही हो सकता है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि मनुष्य के स्वस्थ रहने के लिए उसके आसपास के वातावरण का स्वच्छ व स्वस्थ रहना जरूरी है। इस दिशा में शरीर के स्वास्थ्य के लिए नियमित योगाभ्यास तथा आत्मा की संतुष्टि के लिए ध्यान योग व प्राणायाम आवश्यक है। श्री अग्रवाल ने कहा कि  कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना आवश्यक है जिसके लिए हमें अपनी जीवनशैली में परिवर्तन कर नियमित योगाभ्यास एवं खानपान में सुधार करना होगा। इस शिविर में विशेषज्ञों ने प्राकृतिक चिकित्सा के विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, प्रकृति का मूल आधार मिट्टी, पानी, धूप व हवा है और इनके द्वारा रोगों का उपचार भी किया जा सकता है। इसके लिए हम सभी को वापस प्रकृति की ओर ही लौटना होगा। प्रकृति को अपने व्यवहार व अपनी आत्मा से पूरा-पूरा अपनाना होगा। हर कुछ प्रकृति के अनुसार करना होगा। हमें जीवनयापन आत्म संयम व आत्मायोग से करना होगा। अपने आहार में स्थानीय व मौसम अनुकूल खाद्य पदार्थाे, सब्जियों व फलों एवं कच्चे भोजन की मात्रा को बढ़ाना होगा। उपवास का पालन करना होगा। प्राकृतिक रूप में जैविक खेती करनी होगी। इन सब के द्वारा ही रोगों से मुक्ति संभव है। इसके लिए हमें दृढ़ संकल्प के साथ नियमित रूप में सक्रिय व संयमित जीवन अपनाना होगा। इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य देवेश्वरी रयाल, प्रबंधक गजेंद्र रयाल, आईएनओ के अधिकारी मनोज रतूड़ी, सरस्वती काला, विनोद जुगलान, मदन काला, सुरेंद्र रयाल, मणिराम रयाल, अमन कुकरेती, अतुल थपलियाल, जीतराम थपलियाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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