राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने की मंत्री की बर्खास्तगी की मांग
देहरादून। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने मुख्यमंत्री से आय से अधिक संपत्ति मामले में घिरे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने दस्तावेजों के साथ बताया कि गणेश जोशी के पास न खेती है और न कोई न उद्योग है फिर भी उन्होने नौ करोड़ रुपये कैसे कमा लिए ! पार्टी ने कहा कि उनके पास दर्जन से भी अधिक प्लाट-दुकानें हैं। प्रेसक्लब देहरादून मे पार्टी पदाधिकारियों के साथ एक प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश संगठन सचिव सुलोचना ईष्टवाल ने मीडिया को बताया कि गणेश जोशी को एक विधायक और मंत्री के तौर पर 2007 से 2023 तक कुल 36 लाख 54 हजार रुपये वेतन के तौर पर मिला। जबकि 2022 में चुनाव हलफनामे में उन्होंने नौ करोड़ रुपये की संपत्ति बतायी है। ईष्टवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि गणेश जोशी ने पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। ऐसे में उनके खिलाफ धन शोधन पद के दुरुपयोग और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के खिलाफ कार्रवाई की जाए। तथा उनको मंत्रिमंडल से हटाया जाए।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी की वरिष्ठ महिला नेत्री अनुपमा भारद्वाज ने कहा कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से संबंधित विभागों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है उद्यान विभाग में भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के चलते पूरी सरकार की छवि खराब हुई है तथा उत्तराखंड प्रदेश की भी साख को बट्टा लगा है।
किरन डोभाल ने विभिन्न आरटीआई और एडीआर रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि पिछले 15 साल में गणेश जोशी करोड़ पति हो गये। उनके देहरादून और हरिद्वार में दस से अधिक प्लाट और फैक्ट्री हैं।
गणेश जोशी ने आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है। इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री, विजिलेंस और प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत की है।
मुख्यमंत्री को दी गयी शिकायत मे पार्टी ने कहा है कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी 2011 में 15 लाख 60 हजार 730 रुपये, सन 2012 में 44 लाख 61 हजार 590 रुपये, सन 2015 में 13 लाख 11 हजार 350 रुपये, 2016 में 30 लाख 33 हजार 980 रुपये, सन 2017 में 3 लाख 40 हजार 460 रुपये, सन 2018 में 36 लाख 74 हजार 480 रुपये, सन 2019 में 51 लाख 94 हजार 720 रुपये, सन 2020 में 73 लाख 10 हजार 800 रुपये, 2021 में 63 लाख 72 हजार रुपये, 2022 में एक करोड़ 46 लाख 48 हजार 520 रुपये की संपत्ति अपने, अपनी पुत्री नेहा जोशी, पुत्र मयंक जोशी अपनी पत्नी निर्मला जोशी के नाम से खरीदी। तब उनके पुत्र और पुत्री पूरी तरह से उन पर आश्रित थे। इस प्रकार गणेश जोशी ने इस अवधि में कुल 5 करोड़ आठ लाख 89 हजार 510 रुपये की संपत्ति खरीदी जो कि उनके ज्ञात आय स्रोतों से कहीं अधिक है। गणेश जोशी ने अरुण गुप्ता और चेतना पंत के साथ मिलकर 2011 में 34 लाख 40 रुपये की संपत्ति बेची, जिसमें गणेश जोशी का एक तिहाई हिस्सा था। एक भूमि उनकी पत्नी निर्मला जोशी ने पट्टे पर दी जिसमें उनका चैथाई हिस्सा है। सुलोचना ईष्टवाल ने गणेश जोशी पर मनी लांड्रिंग के आरोप लगाते हुए विभिन्न जमीनों को अपने ही सगे रिश्तेदारों में उपहार और आदान-प्रदान का बड़ा खेल किया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में भी गणेश जोशी की पत्नी निर्मला जोशी ने एक करोड़ 71 लाख 57 हजार की एक भूमि बेची जिसमें उनका चैथाई हिस्सा था। इसी तरह से निर्मला ने एक और जमीन इसी दिन 33 लाख 68 हजार की बेची। इसमे भी उनका चैथाई हिस्सा था।
उन्होने कहा कि गणेश जोशी के पुत्र मयंक जोशी ने अपनी पत्नी पंखुड़ी शर्मा को 8 मई 2019 को एक जमीन उपहार में दी। जिसका मूल्य 6 लाख 15 हजार दर्शाया गया। ऐसे ही गणेश जोशी ने अपने बेटे मयंक जोशी को 2021 में एक संपत्ति दान में दी। सौरभ नांगिया जो गणेश जोशी का दामाद है, ने 2 करोड़ 76 लाख रुपये बाजारी मूल्य की भूमि अपनी पत्नी नेहा जोशी को दान स्वरूप दी। इसके बाद नेहा जोशी ने यही भूमि अपने भाई मयंक जोशी को दान कर दी। एक तरह से यह मनी लांड्रिंग है।
अनुपमा भारद्वाज ने खुलासा किया है कि गणेश जोशी के पुत्र मयंक जोशी ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के ओएसडी धीरेंद्र पंवार के साथ मिलकर सिडकुल की एक भूमि 45 लाख 95 हजार रुपये में पट्टे पर ली है। यह सब आय से बहुत अधिक है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के मुताबिक 2007 के चुनाव में गणेश जोशी ने जो हलफनामा दायर किया था। उसमें कुल 42 लाख की संपत्ति दर्शायी थी। मजेदार बात यह है कि गणेश जोशी ने 2011 में जो आयकर रिटर्न भरा, उसमे अपनी आय महज तीन लाख 90 हजार 692 रुपये दर्शायी। 2012 के चुनाव में जो हलफनामा दिया गया था उसमें उन्होंने बैंकों में अपनी जमा पूंजी लगभग 13 लाख बतायी। एफडी और एनएससी से दस लाख की आय दिखाई। बच्चों की शिक्षा पर ऋण समेत 29 लाख 93 हजार का कर्ज दिखाया। चुनाव में गणेश जोशी ने 2012 में 9 लाख 55009, 2017 में 24 लाख 2 हजार 600 रुपये और 2022 में 29 लाख 99 हजार 222 रुपये का खर्च दर्शाया है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी में मुख्यमंत्री से मांग की है कि गणेश जोशी को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त करके उनकी आय से अधिक संपत्ति की जांच की जाए। पार्टी ने कहा कि जोशी से संबंधित तमाम विभागों में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कोई कार्यवाही नहीं की गई तो पार्टी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होगी। प्रेस वार्ता में प्रदेश संगठन सचिव सुलोचना ईष्टवाल, अनुपमा भारद्वाज, किरण डोभाल ,पदमा रौतेला, ,सुशीला पटवाल, रिषिका चैहान, यशोदा रावत आदि तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।