नन्हे बेटे ने तलाक ले चुके माता-पिता को फिर से सात फेरे दिलवा दिये
झज्जर। एक ‘नादान’ ने टूटे घर को फिर आबाद कर दिया और तलाक ले चुके माता-पिता को फिर एक कर दिया। मामला बच्चे के डीएनए टेस्ट तक पहुंच गया, लेकिन नन्हे बेटे ने तलाक ले चुके माता-पिता को फिर सात फिरे दिलवा दिया। यह बेहद रोचक मामला झज्जर व हिसार से जुड़ा है। इस दंपती का शादी के करीब चार साल बाद तलाक हो गया था। तलाक के 10 दिन बाद महिला ने एक बेटे को जन्म दिया। उसने पूर्व पति को इस बच्चे का पिता बताया और पैतृक हक दिलाने अदालत पहुंची। पूर्व पति ने इससे इन्कार किया तो कोर्ट के आदेश पर डीएनए टेस्ट के लिए नमूना भेजा गया। लेकिन, रिपोर्ट आने से पहले ही उसने खुद को बच्चे का पिता मान लिया। इसके बाद पति-पत्नी ने पुलिस की मौजूदगी में फिर से सात फेरे ले लिये।
नन्हे बेटे ने टूटे घर को किया आबाद और दिलाए तलाकशुदा माता-पिता काे दोबारा सात फेरे दरअसल 2014 में झज्जर के एक गांव के नौसेना में तैनात युवक से हिसार के एक गांव की युवती की शादी हुई थी। मनमुटाव के चलते अप्रैल 2018 में दंपती में तलाक हो गया। दस माह बाद जनवरी 2019 में महिला ने बेटे को जन्म दिया। नवंबर 2014 में हिसार जिले के एक गांव की इस युवती की शादी झज्जर के अंतर्गत आने वाले एक गांव से संबंध रखने वाले नौ सैनिक से हुई थी। शादी के बाद दोनों की एक बेटी हुई। इसके बाद दोनों में अक्सर विवाद रहने लगा।
दंपती ने पुलिस के पहरे में फिर लिए सात फेरे, 2014 में हुई थी पहली शादी इसके बाद उन्होंने अलग रहने का सहमति से फैसला कर लिया। मामला अदालत में चला गया। अदालत ने दोनों को साथ रहने के लिए दो मौके भी दिए गए लेकिन दोनों अपनी बात पर डटे रहे। दोनों के रुख को देखते हुए अप्रैल 2018 में अदालत के स्तर पर तलाक मंजूर कर लिया गया।
युवक ने पहले दलील दी-बच्चा तलाक के बाद हुआ, फिर माना-तलाक के बाद भी थे दोनों में संबंध महिला ने अपने बेटे के पैतृक हक के लिए अदालत में याचिका दायर करते हुए कहा कि उसका तलाकशुदा पति ही बच्चे का पिता है। दूसरी ओर पूर्व पति का कहना था कि बच्चा तलाक के दस माह बाद हुआ है। वह उसका पिता नहीं है। दायर याचिका पर अदालत ने बीते 2 मई को आदेश दिए थे कि 9 मई को डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिए जाएं और रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए ताकि मामला स्पष्ट हो सके। इसके बाद डीएनए टेस्ट के लिए नमूना लिया गया। अभी डीएनए की रिपोर्ट आना शेष है, लेकिन उससे पहले ही युवक ने स्वीकार कर लिया कि तलाक होने के बाद भी दोनों के बीच में संबंध रहे हैं, बच्चा उसका ही है। इसके बाद दोनों फिर एक साथ रहने पर राजी हो गए। महिला के परिवार के स्तर पर हो रहे विरोध के मद्देनजर भारी पुलिस पहरे में शुक्रवार को दोनों ने शहर के एक मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से फिर शादी कर ली। इसके बाद दंपती अदालत के समक्ष पहुंचा और शादी की जानकारी दी। बहरहाल, जिस बच्चे को पैतृक हक दिलवाने के लिए महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था, उसी बच्चे की वजह से एक बार तलाक हो जाने के बाद वे दोबारा नए सिरे से पति-पत्नी बन गए हैं।