नैनीताल बैंक ने जोशीमठ भूधंसाव से प्रभावितों के लिये मुख्यमंत्री को सौंपा 20 लाख का चेक
देहरादून। ’’राष्ट्र-सर्वोपरि’’ की भावना से ओत-प्रोत हमारे वीर सैनिकों ने सदैव ही देश की ’’आन-बान और शान’’ को अक्षुण्ण रखने का कार्य किया है। हमारे देश के वीर सैनिकों ने आजादी के बाद हुए प्रत्येक संघर्ष में हमेशा अपने शौर्य और पराक्रम से दुश्मन के छक्के छुड़ाने का साहस दिखाया है। देवभूमि उत्तराखंड के अनेकों वीर सैनिकों ने भी देश की सुरक्षा के लिये अपने प्राण न्योछावार किये हैं। जिन्होंने अपने अदम्य साहस और वीरता से विश्व को यह आभास कराया है कि शांति का उपदेश देने वाली हमारी यह पावन भूमि समय आने पर अपने शौर्य और पराक्रम द्वारा दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देने की क्षमता भी रखती है। शुक्रवार को सहस्त्रधारा रोड़ स्थित एक होटल में आयोजित एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में सम्पूर्ण विश्व, भारत की शक्ति एवं सामर्थ्य से परिचित हुआ है, जिसका परिणाम है कि अब कोई भी दुश्मन हमारी ओर आंख उठाने की हिम्मत नहीं कर सकता। अब देश की सुरक्षा में लगे सैनिकों को दुश्मन की गोली का जवाब देने के लिए सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती। हमारी सेना गोली का जवाब गोलों से देने का कार्य करती है।
उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व एवं रक्षामंत्री के अथक प्रयत्नों का ही परिणाम है कि हमारे सैनिकों को किसी भी प्रकार के सैन्य साजो समान की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। एक सैनिक पुत्र होने के नाते उन्होंने राष्ट्र सेवा के प्रति हमारे वीर जवानों के जज्बें को बहुत ही करीब से देखा है। हमारी सरकार का हमेशा से प्रयास रहा है कि आने वाली पीढ़ी, सैनिकों के पराक्रम और वीरता से भलीभांति परिचित हो सके। इसी दिशा में हमारी सरकार राज्य में भव्य सैन्य धाम के निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसका निर्माण प्रधानमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड को सैन्य धाम बताये जाने के विजन के अनुरूप किया जा रहा है। अभी हाल में ही देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीड़ बाग में “शोर्य स्थल“ का लोकार्पण कर वीर सैनिकों के हितों के प्रति केंद्र व राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का परिचय दिया।
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी वीर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन शहीदों को वीरता को याद करने के साथ-साथ हम सभी को अपने देश और प्रदेश के प्रति कर्तव्यों के प्रति जागरूक भी करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड के विकल्प रहित संकल्प की पूर्ति के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करने के साथ ही सैनिकों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए दिन-रात संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीद सैनिकों के पारिवारिक जनों को सम्मानित भी किया। अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य का जोशीमठ क्षेत्र पिछले एक माह से आपदा से जूझ रहा है, जोशीमठ क्षेत्र के प्रभावितों को हर संभव मदद करना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। प्रभावितों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो, उनकी समस्याओं का प्राथमिकता के साथ त्वरित निराकरण हो, इसके निर्देश सभी सम्बन्धित अधिकारियों को दिये गये हैं। जोशीमठ क्षेत्र के भूगर्भीय जांच आदि में केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी संस्थान जुटे हैं। शीघ्र ही इस संबंध में ठोस कार्य योजना पर कार्य किया जायेगा। प्रभावितों के पुनर्वास आदि के स्थायी समाधान के भी प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र का नियोजित विकास भी हमारी प्राथमिकता है। सांस्कृतिक, धार्मिक एवं सामरिक महत्व वाला जोशीमठ क्षेत्र सुरक्षित हो, यह अपने पुराने स्वरूप में लौटे तथा आगामी यात्रा भी सुनियोजित ढंग से संपन्न हो, इस दिशा में भी हमें कार्य करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार जोशीमठ के हालात की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक 270 परिवारों को राहत शिविर में रखा गया है। केंद्र व राज्य सरकार पीड़ितों के हित में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ का कुछ सीमित क्षेत्र ही भू धंसाव से प्रभावित है तथा अधिकांश भाग में सामान्य रूप से कार्य संचालित हो रहे हैं, ऐसे में पूरे जोशीमठ के बारे में असुरक्षा का माहौल बनाया जाना ठीक नहीं है। चार माह बाद चार धाम यात्रा प्रारम्भ होनी है। ऐसे समय में यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि पूरा जोशीमठ क्षेत्र ही असुरक्षित है। हमारा प्रयास होना चाहिये कि सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश भी देश व दुनिया में जाये। कार्यक्रम में नैनीताल बैंक के एमडी निखिल मोहन द्वारा जोशीमठ भूधंसाव से प्रभावितों की सहायता हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष में 20 लाख का चेक भी मुख्यमंत्री को भेंट किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर उत्तराखण्ड की झांकी मानसखण्ड को प्रथम स्थान प्राप्त होने से राज्य का सम्मान बढ़ा है तथा उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से देश व दुनिया परिचित हुई है। मुख्यमंत्री ने झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रदेशवासियों के साथ झांकी में सम्मिलित सभी कार्मिकों एवं कलाकारों को भी बधाई दी।